वाहन चालकों ने विभाग में दर्ज कराई आपत्ति

6 हजार तक में बिक रही दो से ढाई हजार वाली डिवाइस

Meerut। निजी व कॉमर्शियल वाहनों में एसएलडी यानि गति नियंत्रण यंत्र की अनिवार्यता पर दोबारा सख्ती क्या शुरु हुई आरटीओ में एक बार फिर दलालों का बोलबाला हो गया। एसएलडी के नाम पर आरटीओ विभाग में वाहन मालिकों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। यदि वाहन मालिक कहीं बाहर से एसएलडी लगाकर परमिशन के लिए आता है तो उसे अमान्य बताकर दोबारा लगवाने का प्रेशर बनाया जा रहा है। ऐसे में वाहन मालिकों को स्पीडो मीटर के लिए अब दुगनी रकम का भुगतान करना पड़ रहा है।

ब्लैक में बिक रही डिवाइस

हाल ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा देखते हुए परिवहन विभाग ने स्पीड लिमिट डिवाइस को अनिवार्य कर दिया है। आदेश के आते ही वाहन मालिकों की कतार डिवाइस लगाने के लिए बढ़नी शुरु हो गई है, लेकिन अभी तक विभाग द्वारा किसी अधिकृत कंपनी को डिवाइस का ठेका नही दिया गया है। ऐसे में वाहन मालिक दलालों के माध्यम से डिवाइस के मनमाने दाम देने को मजबूर हो रहे हैं।

पुरानी डिवाइस पर नया बार कोड

इस बार एसएलडी के साथ एक विशेष बार कोड गाड़ी के फ्रंट शीशे पर लगाने का आदेश भी जारी किया गया था। इस बार कोड के बिना गाड़ी में एसएलडी मान्य नही होगा। बार कोड में डिवाइस की पूरी जानकारी अपडेट होगी। अब जिन गाडि़यों में एसएलडी पहले का भी लगा हुआ है उनको भी बार कोड के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में वाहन मालिक अब अपनी पुरानी डिवाइस को नया कराने में जुगत में लगे हुए हैं। इसके लिए भी दलालों के माध्यम से मनमानी कीमतों पर बार कोड तैयार किया जा रहा है।

यह हैं प्राइवेट रेट

पुराना नया

डिवाइस का रेट 2000 से 2500 4500 से 6000

बार कोड का रेट 1000 से 1500

पुरानी डिवाइस पर नया बार कोड 2500 से 3000

कुछ शिकायतें इस प्रकार मिल रही हैं कि अतिरिक्त शुल्क देकर डिवाइस लगाई जा रही हैं इसलिए जरुरी है कि वाहन स्वामी अधिकृत एजेंसी से ही डिवाइस लगवाएं।

चंपा लाल निगम, आरआई

Posted By: Inextlive