खनन घोटाले की आरोपी आईएएस चंद्रकला बुधवार को कैमरों के फ्लैश चमकने से बैचेन थीं आैर ईडी के अफसरों के सामने पेश हुर्इंं.

- बड़े अफसरों और नेताओं की ओर घूम रही शक की सुई

- चंद्रकला के आईपीआर में फिलहाल संदिग्ध लेन-देन नहीं

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|LUCKNOW : चंद साल पहले जिस आईएएस के इर्द-गिर्द कैमरों से क्लिक की गयी फोटो और वीडियो देश और दुनिया की सुर्खियां बनकर लाखों लाइक्स बटोरती थी, वहीं आईएएस बुधवार को कैमरों के फ्लैश चमकने से बैचेन थीं। ईडी के अफसरों के सामने अपनी बेगुनाही के सबूत देते समय कई बार उनकी आवाज लड़खड़ा गयी तो वहीं पट्टों के आवंटन की फाइल में उनके दस्तखत को लेकर पूछे गये सवाल उन्हें बार-बार कुर्सी से उठने पर मजबूर कर रहे थे। सूबे की बहुचर्चित आईएएस बी। चंद्रकला से पूछताछ में शामिल ईडी के अफसरों की मानें तो हमीरपुर में हुए खनन घोटाले के तार चंद्रकला के साथ कई और सफेदपोश लोगों तक पहुंच रहे हैं। या यूं कहें कि यूपी में नदियों की कोख को छलनी कर अरबों रुपये की काली कमाई करने वाले चेहरे कुछ और हैं। जिनके बारे में पूछताछ के दौरान चंद्रकला ने इशारा भी किया है।

ज्यादातर संपत्तियां लोन पर
चंद्रकला से आठ घंटे तक चली पूछताछ से यह साफ हो चुका है कि सात जिलों में अंजाम दिए गये खनन घोटाले के तार राजधानी से जुड़े हैं। हाईकोर्ट द्वारा खनन के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया का निर्धारण करने के बावजूद बड़े अफसरों ने इसे संबंधित जिलों तक भेजने के बजाय कूड़े में डाल दिया। इसके कुछ प्रमाण भी ईडी के हाथ लग चुके हैं कि अवैध खनन की कमाई किन लोगों में बंट रही थी और इसे कहां-कहां निवेश किया जा रहा था। यही वजह है कि चंद्रकला से आठ घंटे तक चली पूछताछ में कई बार इसे लेकर सवाल पूछे गये पर वह इससे अंजान बनी रहीं। ईडी के अफसरों ने जब उनके बैंक स्टेटमेंट और आईपीआर को खंगाला तो चौंकाने वाले नतीजे मिले। ज्यादातर संपत्तियों को लोन लेकर खरीदा गया था और बैंक खातों में किए गये ट्रांजेक्शन बेहद मामूली मिले। बीते कुछ सालों में खातों में ज्यादा नगदी भी जमा नहीं की गयी है। इसे देख अब चंद्रकला की बेनामी संपत्तियों की तलाश शुरू की जाएगी। वहीं इन हालात में सपा एमएलसी रमेश मिश्रा पर अफसरों का संदेह गहराता जा रहा है और घोटाले के राज तलाशने के लिए उनसे दोबारा गहन पूछताछ की तैयारी की जा रही है

'साइन मेरा है पर ये आर्डर भी तो देखिए'
चंद्रकला से पूछताछ के दौरान ईडी के अफसरों ने हमीरपुर से जुटाए गये खनन पट्टों के आवंटन की फाइलों को पलटना शुरू किया और तमाम जगह उनके दस्तखत को लेकर सवाल किए तो वह अपनी कुर्सी से उठकर जांच अधिकारियों के पास आ गयीं और फाइल को पलटकर वरिष्ठ अफसरों द्वारा भेजे गये आदेश भी दिखाने लगीं। उन्होंने दावा किया कि खनन आवंटन में डीएम की भूमिका बेहद नगण्य होती है और ज्यादातर फैसले शासन स्तर से ही लिए जाते थे। दोपहर में चंद्रकला के लिए बाहर से लंच पैकेट भी मंगवाया गया पर उन्होंने थोड़ा सा खाना ही खाया।

हमीरपुर भेजी गयी टीम
वहीं दूसरी ओर बुधवार को ईडी की दो सदस्यीय टीम ने हमीरपुर में डेरा डाल दिया और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत कई पट्टाधारकों के बैंक खाते खंगाले। बैंक प्रबंधकों से खातों में हुए लेनदेन की जानकारी ली और संबंधित दस्तावेज कब्जे में लिए। हमीरपुर में पहले से मौजूद सीबीआई टीम के साथ ईडी के अधिकारियों ने पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक में बड़े मौरंग कारोबारियों के खातों की जांच की। अवैध खनन से जुटाई गई काली रकम कहां जमा की गई, इसकी जानकारी लेते रहे। टीम के सदस्य सुभाष बाजार स्थित यूपी ग्रामीण बैंक भी पहुंचे।

Posted By: Inextlive