सिटी में नशे का धंधा जोरों पर, पुलिस का कोई खौफ नहीं
New year है तो नशा तो बनता है boss
भाई जरा अमेरिका देना, भाई जरा जादू देना, अब आप सोंच रहे होंगे कि आखिर ये अमेरिका और जादू है क्या चीज? तो हम आपको बता दे ये कुछ और नहीं बल्कि गांजा, चरस और भांग है जिसे नशाखोर कुछ ऐसे ही कोडनेम से पुकारा करते हैैं। ताकि केवल देने और लेने वाले ही इसे समझ पाए। जैसे-जैसे न्यू इयर करीब आ रहा है, लोग न्यू इयर नाइट के लिए नशे का जुगाड़ जमा करने में लगे हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में गांजे, चरस और भांग की डिमांड का ग्राफ काफी बढ़ा है।
नए साल की शुरुआत नशे के साथ हो तो फिर क्या कहने? न्यू इयर सेलिब्रेट करने का ये तरीका उम्दा है। मानगो बस स्टैंड पर गांजा बेचने वाले विक्की ने बताया कि इन दिनों क्रिसमस और न्यू इयर के चलते डिमांड कई गुना बढ़ गई है। जिसके चलते कंसाइनमेंट भी काफी हैवी आ रहा है। उन्होंने बताया कि जहां गांजे को 20, 50 और 100 रुपए के पैकेट्स में बेचा जाता है, वहीं चरस की सेलिंग वेट के हिसाब से होती है। इनमें कई तरह की वेराइटीज है। सभी के अलग-अलग रेट हैं।
जादू पिया क्या?
अगर आपको गांजा चाहिए तो आपको शॉप पर आकर कहना होगा कि भाई जरा अमेरिका देना, वहीं चरस के लिए कहना होगा कि हवा चाहिए। इसके अलावा ग्रास, जहर, पुडिय़ा, स्मोक, धुआं सरीखे कई नामों से भी गांजे की बिक्री होती है। मानगो चेंपा पुल रोड नंबर 17 के पास स्थित भांग बेचने वाले राजू रस्तोगी ने बताया कि दरअसल ये नाम कस्टमर्स द्वारा ही रखे गए हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन दिनों गल्र्स में ऐसे ग्रास प्रोडक्ट्स की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। टिनप्लेट गोलचक्कर के पास अप्पाराव शॉप के पास गांजे की सेलिंग करने वाले शख्स ने बताया कि गल्र्स में गांजे की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सिटी में ग्रास परचेज करने वालों में ज्यादातर तो कॉलेज या किसी दूसरे एजुकेशनल सेंटर से जुड़ी गल्र्स होती हैं।
गांजा बना style statement
चरस और भांग को तो चीप नशे के तौर पर काउंट किया जाता है। पर गांजे के लिए कई हाई सोसाइटी के लडक़े-लड़कियां आते हैं। टिस्को गेट के पास स्थित पान शॉप के ओनर ने बताया कि हाई सोसाइटी के लडक़े-लड़कियां गांजे को सिगरेट में भरकर पीने की बजाय सिगरेट टोबैको के साथ मिलाकर रिजला पेपर (एक तरह का पेपर) में रैप करके पीना पसंद करते हैं, देवडी मूवी के बाद से ये फैशन पहले केवल मेट्रो सिटीज में फैला था, पर अब यहां के लडक़े-लड़कियां भी इस फैशन को एडॉप्ट कर रहे हैं।
वैसे तो सिटी में ज्यादातर पान दुकानों में चरस, गांजे की चोरी-छिपे ढंग से बिक्री होती है, पर कुछ जगहें तो ऐसी है जहां गांजा, चरस और भांग खुलेआम बिक रहा है। जैसे साकची गोलचक्कर के पास, परसूडीह की लोको कॉलोनी में गोल पहाड़ी मंदिर के पास और कदमा में एक सीनियर कांग्रेस लीडर के कदमा स्थित ऑफिस के पास भी गांजे और चरस की बेखौफ बिक्री होती है।
नशे का hub बन रही city
सिटी में जिस तेजी से गांजे, चरस, भांग जैसे नशे का बिजनेस बढ़ रहा है, इस धंधे से जुड़े लोगों के लिए जमशेदपुर बिजनेस हब बनता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार यहां मंथली करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। कुछ ही महीने पहले सिटी में उड़ीसा से आ रहे कंसाइनमेंट
को जत किया गया था, इससे पूर्व अमृतसर में एक महिला को गांजे से भरे कोरियर के साथ पकड़ा गया था, महिला से पूछताछ पर उसने बताया था कि आदित्यपुर में रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा उसे पैकेट डिलीवर करने को कहा गया था। जिसके बाद पंजाब पुलिस की एक टीम सिटी में उक्त व्यक्ति की धरपकड़ के लिए आई थी।
इस तरह से हो रही खुलेआम बिक्री से एक बात तो साफ है कि कहीं न कहीं इन नशाखोरों को पुलिस की शह मिली हुई है। हालांकि सिटी एसपी कार्तिक एस का कहना है कि सिटी में ऐसे पदार्थों की बिक्री कुछ ज्यादा है और इनकी धरपकड़ के लिए पुलिस प्रशासन काफी सजग है।
गांजे और चरस का बड़े पैमाने पर बिजनेस करने वालों के लिए सिटी एक नया सेंटर बन रहा है. सूचना मिलने पर पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कारवाई
करती है।
कार्तिक एस एसपी सिटी Report by : rajnish.tiwari@inext.co.in