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PATNA (5 May): पटना जंक्शन समेत दानापुर डिविजन के हर बड़े स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों का गिरोह सक्रिय है. वेंडरों का गिरोह हर दिन 4 लाख से अधिक का कारोबार करता है और रेल प्रशासन इन सबसे अनजान है. यह गिरोह ट्रेनों में अवैध रूप से खाना और पानी बेचता है. इसके लिए उनकी बाकायदा ट्रेन के कर्मचारियों व वहां तैनात लोगों से सेटिंग रहती है. रेलवे के नियमों के अनुसार, अवैध वेंडरों पर प्रतिबंध के बावजूद इनका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ. हकीकत जानने के लिए रिपोर्टर ने पटना जंक्शन से खुलने वाली मगध एक्सप्रेस में यात्रा की.

4 लाख का है रोज का कारोबार

पड़ताल के दौरान पता चला कि पटना जंक्शन से खुलने और गुजरने वाली 40 ट्रेनों में अवैध रुप से गिरोह के सदस्य खाद्य पदार्थ बेचते हैं. 8 से 10 लोगों की इनकी टीम स्टेशन परिसर में काम करती है. जो कि एक ट्रेन में अमूनन 10 हजार रुपए का खाना बेचते है. इस हिसाब से 40 ट्रेन में 4,00,000 रुपए प्रति दिन का कारोबार होता है.

सरोज भाई की मर्जी के बिना नहीं होता कारोबार

पूरा गिरोह सरोज भाई के हिसाब से चलता है. सरोज भाई फतुहा से इसे ऑपरेट करता है. इसका नेटवर्क इतना मजबूत है कि गिरोह के सदस्य सिर्फ सरोज भाई के नाम पर ही कारोबार करते हैं. डिवीजन के हर बड़े स्टेशन पर गिरोह के सदस्य तैनात हैं. जो भी वेंडर कारोबार करना चाहता है उसे हर दिन गिरोह के सदस्य को 100 रुपया देना पड़ता है. बिना उसकी इजाजत से स्टेशन परिसर या चलती ट्रेन में खाना नहीं बिक सकता है. इन अवैध वेंडरों का प्लेटफॉर्म और ट्रेन भी निश्चित है. जहां दूसरा कोई वेंडर बेचने के लिए नहीं जा सकता है. वेंडरों ने बताया कि सामान बेचने के एवज में सरोज भाई को हफ्ता देते हैं. इसलिए न तो टीटीई और न ही आरपीएफ के सिपाही परेशान करते है. क्योंकि सरोज भाई इन सभी लोगों को मैनेज कर के रखते हैं.

सिपाही और टीटीई करते हैं अनदेखी

ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने पर चेकिंग के दौरान टीटीई पकड़ लेते हैं मगर अवैध रूप से ट्रेन में सामान बेचने वाले वेंडरों पर न तो टीटीई कोई एक्शन लेता है न ही यात्रियों की सुरक्षा में लगे स्कॉट के सिपाही. क्योंकि, उन्हें पता होता है कि इनको पकड़ने पर ड्यूटी के दौरान खाने-पीने के आवश्यक सामान यही वेंडर देंगे. इसलिए इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं.

Posted By: Manish Kumar