आगरा. बदमाशों के पास से बड़े-बड़े अवैध वैपंस बरामद हो रहे हैं. पुलिस एक-एक करके पिछले दिनों हुई वारदातों का खुलासा कर रही है. उनमें पकड़े गए बदमाशों के पास से अवैध वैपंस मिल रहे हैं. आखिर कहां से आते हैं वैपंस और कैसे पहुंचते हैं लोगों के पास तक ये इल्लीगल वैपंस पुलिस ने इस साल दर्जनों वैपंस बरामद कर सप्लायर्स को जेल भेज चुकी है. लेकिन हथियारों का मिलना अभी नहीं थम रहा है. सदर पुलिस ने मणप्पुरम लूट के बदमाशों से थर्टी कारबाइन बरामद की है.


अवैध हथियार की मंडी
दंगों और बवाल में अवैध हथियार खुलकर सामने आते हैं। कि सी भी दंगे और बवाल में लोग अवैध हथियारों का यूज करते देखे जा सकते है। लाइसेंसी वैपंस का यूज कम ही होता देखा जाता है। बदमाशों के पास कारबाइन से लेकर एके-47 तक मिल जाती है.

ईस्ट से वेस्ट तक
ईस्ट में हथियार बड़े स्तर पर तैयार होते हैं। नेपाल बॉडर ,मुरादाबाद, एटा, मैनपुरी और बिहार क मुंगेर इलाका अवैध हथियार तैयार क रने वालों से भरा पड़ा है। इन इलाको में तैयार हो रहे हथियार वेस्ट में सप्लाई होते हैं. आगरा में पक ड़े गए जितने भी हथियार सप्लायर हैं उनका लिंक  हमेशा मुंगेर से जुड़ा हुआ होता है। जो वहां से तैयार और अधबना माल लाकर यहां बेचते हैं।

हर हाथ में होता है हथियार
शहर हो या गांव मामूली से मामूली झगड़ों में लोग हथियार लेकर निकल आते हैं। पथराव करना तो मानों उनके लिए खेल जैसा है। गाडिय़ों पर और पुलिस पर पथराव तो आम चीज हैं। शहर और गांव के  उन इलाकों में जहां आबादी मिली-जुली होती है वहां लोग अपनी छतों पर पत्थर जरूर रखते हैं। जब भी दो संप्रदायों में टकराव होता है तो पत्थर चलने लगते हैं.

शलभ माथुर-एसएसपी आगरा।

अवैध हथियारों के इस्तेमाल करने वालों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जा रही है। एके-47 और थर्टी कारबाइन जैसे संगीन वैपंस बदमाशों के पास कहां से आए, इसकी छानबीन कराई जा रही है.

Posted By: Inextlive