उत्‍तर प्रदेश में बड़ रही सड़क दुर्घटना अब ड्राईविंग लाइसेंस बनने के नियमों को और सख्‍त बनाया जाएगा। अब प्रदेश में अशिक्षितों का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाएगा। प्रदेश परिवहन मंत्री यासर शाह ने कल एक कार्यक्रम में इसका संकेत दिया। परिवहन राज्‍यमंत्री यासर शाह ने कल प्रदेश की राजधानी में कानपुर रोड पर आरटीओ कार्यालय में कंप्‍यूटरीकृत लर्निग लाइसेंस परीक्षा प्रणाली की शुरुआत की।


उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में हुई 16000 मौतें  उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री ने बताया कि कंप्यूटर के जरिए यातायात के प्रतीकों की न केवल परीक्षा होगी। परीक्षा के परिणाम भी कंप्यूटर पर तुरंत मिल जाएंगे। राज्य मंत्री ने सूबे में अशिक्षित लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में कहा कि ऐसे लोगों का लाइसेंस ही नहीं बनना चाहिए। प्रदेश में हर वर्ष 16 हजार मौतें सड़क दुर्घटना से होती हैं। ऐसे व्यक्ति के हाथ में वाहन देना अनुचित होगा जो यातायात साइन की जानकारी नहीं रख सकता है ना ही उन नियमों को पढ़ सकता है। उनके इस बयान को लेकर पहले जारी किए गए लाइसेंस पर भी सवाल उठने लगे हैं। अधिकारियों की माने तो ऐसा कोई सख्त कानून नहीं है जो अनपढ़ो को लाइसेंस बनवाने से रोक सके। कंप्यूटरीकृत परीक्षा केन्द्र का किया उद्घाटन
राज्य परिवहन मंत्री यासर शाह ने दस कंप्यूटर वाले परीक्षा कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा राजधानी समेत सात सौ प्रदूषण की दुकानों को सही जांच न करने पर बंद किया गया है। एआरटीओ ऋतु सिंह के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान परिवहन आयुक्त के रवीन्द्र नायक ने कहा शीघ्र ही कानपुर व बरेली समेत प्रदेश के तीन स्थानों पर ऑटोमैटिक टेस्ट ड्राइविंग अगले कुछ महीनो में शुरू हो जाएगी। एआरटीओ प्रशासन ने कहा कि परीक्षा के पहले अभ्यर्थियों को एक बुकलेट दर जाएगी। इसमें 15 प्रश्नों से संबंधित जानाकरी होगी। तीन एलईडी के माध्यम से भी यातायात के चिन्हों को प्रदर्शित किया जाएगा। 15 मिनट में साल्व करने होंगे 15 प्रश्न एआरटीओ प्रशासन ऋतु सिंह ने बताया कि कंप्यूटर से परीक्षा देने के लिए सबसे पहले अंग्रेजी व हिंदी का चयन करना होगा। राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एक साथ दस लोग परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए वहां 10 कंप्यूटर भी लगाए गए हैं। 15 मिनट की इसस परीक्षा में 15 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा के बाद ही कंप्यूटर ही जांच कर अभ्यर्थियों को पास और फेल करेगा। 9 प्रश्न सही करने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। हर प्रश्न के तीन जबाव होंगे। सही जबाव देने पर हरे और गलत जबाव देने पर लाल रंग का साइन कंप्यूटर पर दिखेगा। हर परीक्षा के बाद कंप्यूटर प्रश्नो को बदल देगा। जल्द ही राज्य के वाहनो में लगेगी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट


कंप्यूटरीकृत परीक्षा प्रणाली चार युवाओं के लिए खुशी लेकर आई है। चारों युवाओं ने पहले मैनुअल प्रणाली से परीक्षा दी थी लेकिन वह उसमें असफल रहे। कंप्यूटर प्रणाली परीक्षा में वो पास हो गए। शंभू आशुतोष दिव्यांशु एवं अदिति लाल ने प्रणाली की पहली परीक्षा दी। उनका कहना है कि परीक्षा काफी सरल है। राज्यमंत्री ने वाहनो पवर हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट की व्यवस्था शीघ्र लागू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहाकि इससे वाहनों की पहचान बनी रहेगी। इसके लिए सरकार की ओर से शीघ्र दोबारा टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। यह व्यवस्था कई प्रदेशों में लागू है। सूबे में इसे लेकर मामला कोर्ट से लेकर टेंडर प्रणाली को कठघरे में खड़ा करने तक पहुंच गया था। इसकी वजह से ही नंबर प्लेट का मामला ख्ाटाई में है।

Posted By: Prabha Punj Mishra