- मेडिकल कॉलेज की तरफ से दिए गए नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब, एमपी एसटीएफ भी कर रही तलाश

- सिर्फ 3 स्टूडेंट्स की तरफ से आई जेल में होने की सूचना, एक ने बेल कराके मेडिकल कॉलेज में फिर शुरू की पढ़ाई

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KANPUR: व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद मेडिकल कॉलेज के फ्ख् स्टूडेंट्स अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन्हीं से पूछताछ के लिए मध्य प्रदेश से एसटीएफ बार बार मेडिकल कॉलेज आ रही है। हिरासत में लिए गए छात्रों से पूछताछ के बाद ही इस घोटाले में जीएसवीएम के अब तक फ्ख् स्टूडेंट्स निशाने पर आ चुके हैं। सोमवार को भी भोपाल एसटीएफ ने मेडिकल कॉलेज से एक स्टूडेंट को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ में कुछ और स्टूडेंट्स के नाम भी सामने आ सकते हैं। इस बीच घोटाले में इतने ज्यादा स्टूडेंट्स के नाम सामने आने के बाद अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन में भी हड़कंप की स्थिति है क्योंकि अंडरग्राउंड हुए मेडिकल स्टूडेंट्स का कुछ पता नहीं चल रहा है कि वह आखिर कहां हैं।

साल ख्00म् से ख्0क्फ् बैच के ये छात्र हुए अंडर ग्राउंड

अंशुमान मिश्रा, प्रदीप कुमार, अरविंद पटेल, गोविंद कुमार गुप्ता, प्रभात चौधरी, कृष्णकांत मौर्या, अमरनाथ वर्मा, पवन कुमार, सुभाशुं श्रीवास्तव, अतुल गुप्ता, रामकुमार, संजय कुमार, पवन कुमार सिंह, नीरज कुमार, धीरज कुमार मिश्रा, प्रशांत, अविनाश, जहीरूद्दीन, अमित कुमार, मो। एजाज, सुधीर कुमार, राहुल सिंह, गोविंद कुमार, बृजेश यादव, शेर बहादुर, राजदेव, भीष्म पितामह, अमित सिंह, आलोक अग्रहरि, अि1नल कुमार।

प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का फार्म भरवाकर रैकेट कराता था एडमिशन

व्यापमं घोटाले में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जिन स्टूडेंट्स के नाम सामने आए हैं उनके एडमिशन की कहानी भी हिरासत में लिए गए एक स्टूडेंट के जरिए सामने आई है। एसटीएफ प्रभारी जीतेंद्र सिंह कुशवाहा के मुताबिक जिन छात्रों ने सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेना था। उन्होंने व्यापमं घोटाले में शामिल रैकेट के संचालकों को रुपया दिया और उनसे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का फार्म भरवाया। फिर यूपी के एक सॉल्वर को जो कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की यूपीसीपीएमटी परीक्षा देने के लिए एलिजेबल है। उससे भी रुपए लेकर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट के साथ ही इंट्रेस दिलवाया। इंट्रेस परीक्षा के दौरान इन्हीं छात्रों की शीट बदलवा दी जाती थी।

और भी मेडिकल स्टूडेंट्स फंसेंगे

जीएसवीएम में व्यापमं घोटाले की जांच फ् से ब् स्टूडेंट्स से शुरू हुई थी। लेकिन दो से तीन स्टूडेंट्स से पूछताछ के बाद और नाम सामने आते गए। इन नामों के आधार पर भोपाल एसटीएफ के अलावा एमपी के कई जिलों की एसटीएफ ने मेडिकल कॉलेज आकर पहले क्ब् स्टूडेंट्स फिर 7 और सोमवार को क्ख् नए स्टूडेंट्स की लिस्ट मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पूछताछ के लिए दी। जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से अब तक फ्ख् स्टूडेंट्स को पूछताछ के एसटीएफ के पास जाने का नोटिस जारी हो चुका है। इनमे से सिर्फ फ् स्टूडेंट्स के ही जेल में होने की सूचनाएं उनके परिजनों की ओर से मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दी गई हैं। जैसे जैसे पूछताछ होती जाएगी वैसे ही इस घोटाले के जरिए एडमिशन लेने वाले कई और स्टूडेंट्स के नाम सामने आते जाएंगे।

'व्यापमं घोटाले की जांच में एसटीएफ का पूरा सहयोग दिया जा रहा है। जिन क्ख् नए छात्रों को नोटिस दी गई हैं साथ ही उनसे जुड़े सभी रिकार्ड भी एसटीएफ को मुहैया कराए गए है। सोमवार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए छात्र के गिरफ्तार होने की जानकारी नहीं है.'

प्रो। नवनीत कुमार, पि्रंसिपल जीएसवीएम

Posted By: Inextlive