घर के आंगन में लगी तुलसी सदैव सुख और समृद्धि लाती है। जब-जब तुलसी हरी-भरी रहती है तब तक घर आंगन में खुशियां दस्तक देती हैं।

घर के आंगन में लगी तुलसी सदैव सुख और समृद्धि लाती है। जब—जब तुलसी हरी—भरी रहती है तब तक घर आंगन में खुशियां दस्तक देती हैं। पंरतु अगर तुलसी सुखने लगे तो यह घर में कुछ न कुछ अप्रिय होने का संकेत होता है। इसलिए तुलसी की सही देखभाल बहुत जरूरी है।

श्रीकृष्ण की शुद्ध भक्त हैं तुलसी


तुलसी श्री कृष्ण जी की सर्वाधिक शुद्ध भक्त हैं इसलिए तुलसी वैष्णवों के लिए वंदनीय हैं। जब हम तुलसी पत्र को श्रीकृष्ण जी को अर्पित करते हैं तो वे अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। तुलसी सभी प्रकार से मंगलता प्रदान करती है। इतनी महान तुलसी को बस आवश्यकता होती है थोड़े से प्रेम, स्नेह और थोड़ी देखभाल की। यही तुलसी सेवा है। शुद्ध भक्त होने के नाते इनकी आवश्यकताएं भी थोड़ी हैं।

इन्हें आवश्यकता है सूर्य प्रकाश वाले स्थान की जहां वो बिना रूके बढ़ सकें। तुलसी जी को जल देने का समय प्रात: 7:30 से 9 बजे तक है। तभी आप इनकी पत्तियां भी ले सकते हैं। एक नियमित समय पर जल देना और तुलसी पत्र संग्रह करना उनके विकास के लिए उचित है।

तुलसी की ऐसे करें देखभाल


1. अगर आप जमीं पर पौधा लगा रहे हैं तो बगीचा उस ओर हो जहां सूर्य का प्रकाश सीधा आता हो। कम प्रकाश में भी तुलसी बढ़ तो जाती है पर अधिक वृद्धि सूर्य प्रकाश में होती है।

2. तुलसी को जल मौसम, मिट्टी, वातावरण अनुसार दिया जाना चाहिए। प्रात: दिए जल से तुलसी उस जल का प्रयोग दिन भर करती हैं। पानी किसी नली वाले बर्तन से दें तो उचित रहेगा। नली वाले बर्तन से पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है। जहां तुलसी देवी उगाई गईं हों, पानी इतना डालें कि पानी तैरे नहीं। मिट्टी पानी सोख ले। अगर धूप वहां बहुत अधिक आती हो तो दोपहर 2-3 बजे पुन: जल दें। तुलसी के लिए अधिक पानी उनकी पत्तियों और जड़ों को नुकसान पहुंचाता है और कम पानी से तुलसी के पौधे में शिथिलता आती है।

3. तुलसी मिट्टी द्वारा सांस लेती है। ऐसे में थोड़ा मिट्टी को खोदें। ध्यान रखें जड़ें प्रभावित न होने पाएं। अच्छी मिट्टी गमले में डालें। मिट्टी का रंग गहरा और गंध तेज होनी चाहिए। यह अच्छी मिट्टी की पहचान है। मिट्टी को मुट्ठी में पकड़कर दबाने से जो मिट्टी स्वयं आकार ले, वो ही अच्छी मिट्टी होती है। मिट्टी में गोबर की बनी बनाई खाद डालें। तुलसी को गहरा खोद कर काफी सारी मिट्टी के साथ निकालें। पुन: दूसरे स्थान पर आरोपित करें।

4. मंजरियां श्रीकृष्ण के प्रति तुलसी देवी के प्रेम की अभिव्यक्ति हैं। राम तुलसी पर सफेद और कृष्ण तुलसी पर जामनी मंजरी आती है। जब तुलसी पर मंजरियां आएं तो इन्हें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जितनी ताजी पत्तियां उपयुक्त हैं उतनी ही सूखी पत्तियां भी। पत्तियां कभी भी किसी भी समय न तोड़ें। नियमित समय में तुलसी की वृद्धि अनुसार या आवश्यकता अनुसार पत्तियां तोड़ें।

5. आप चाहें तो गमले के लिए वस्त्र सिल सकते हैं। अगर कोई माला तुलसी पर चढ़ायें तो उसे अगले दिन हटा दें ताकि पुराने फूलों पर कीड़े न आ जाएं।

6. ध्यान दें एकादशी से अगले दिन तुलसी पत्र न तोड़ें। जल दे सकते हैं। बस देखभाल और प्यार तुलसी देवी की वृद्धि के लिए चाहिए।

-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

आपके घर में भी तो गलत जगह पर नहीं लगा है तुलसी का पौधा, हो सकती हैं ये हानियां


Posted By: Kartikeya Tiwari