-इम्प्रूवमेंट रिजल्ट को अब स्टूडेंट्स ने किया चैलेंज

-इम्प्रूवमेंट एग्जाम में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का आ गया डबल जीरो

25-हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने अप्लाई की थी आरटीआई

1650 स्टूडेंट्स ने पिछले वर्ष अप्लाई की थी आरटीआई

97-हजार स्टूडेंट्स ने दी थी इम्प्रूवमेंट एग्जाम

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ :

केस:1

शाहजहांपुर जीएफ कॉलेज से एमए उर्दू फाइनल ईयर की छात्रा नाजिया खान ने बताया कि उनके मेन एग्जाम में 11 मा‌र्क्स आए थे। इस पर उन्होंने इम्प्रूवमेंट का फार्म भरा था। एक आस थी कि वह पास हो जाएंगी। करीब पन्द्रह रुपए इम्प्रूवमेंट फार्म में भी खर्च हो गए, इम्प्रूवमेंट का रिजल्ट आया तो डबल जीरो मा‌र्क्स आए। जबकि कॉपी में अच्छी तरह से लिखा था। इससे आरयू से भरोसा उठ रहा है।

केस:2

शहर के निजी कॉलेज से एमएससी फाइनल ईयर स्टूडेंट कृष्णपाल ने बताया कि मेन एग्जाम में मा‌र्क्स कम आने पर इम्प्रूवमेंट एग्जाम दिया था। रुपए भी खर्च हुए। मेन एग्जाम में 26 मा‌र्क्स थे। अब इम्प्रूवमेंट में 12 मा‌र्क्स ही मिले हैं। इससे तो अच्छा इम्प्रूवमेंट न दिए होते तो ठीक था। कॉपियों का ठीक से मूल्यांकन नहीं किया गया।

केस:3-

निजी कॉलेज से एमएससी करने वाले अमन ने उनके मेन एग्जाम में तो वह पास थे लेकिन मा‌र्क्स अच्छे नहीं थे। इम्प्रूवमेंट एग्जाम दिया कि मा‌र्क्स बढ़ जाएंगे। मा‌र्क्स बढ़वाने के चक्कर में रुपए भी खर्च हो गए, अब इम्प्रूवमेंट एग्जाम में मा‌र्क्स सिर्फ 24 आए हैं। कॉपियों का मूल्यांकन आरयू ने सही से नहीं कराया है।

केस:4

शहर के कॉलेज में पढ़ने वाली रिंकी ने एमए इंग्लिश से फाइनल ईयर का इम्प्रूवमेंट का एग्जाम दिया था। मेन एग्जाम में 2 मा‌र्क्स पासिंग से कम थे। जबकि दूसरे सब्जेक्ट में 5 मा‌र्क्स कम थे। इम्प्रूवमेंट इसीलिए दिया कि दो मा‌र्क्स बढ़ जाएंगे तो वह पास हो जाएंगी लेकिन इम्प्रूवमेंट में 5 मा‌र्क्स कम हो गए, जिससे उनके पास होने की उम्मीद धरी की धरी रह गई। उन्होंने बताया कि मेन एग्जाम में उनके 31 मा‌र्क्स आए थे तो उन्होंने उस सब्जेक्ट में इम्प्रूवमेंट भरा था।

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यह तीन किस्से तो सिर्फ आरयू की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही की बानगी भर है। इम्प्रूवमेंट एग्जाम में शरीक हुए 97 हजार स्टूडेंट्स में तकरीबन 20 हजार स्टूडेंट फेल हो गए। मेन एग्जाम में फेल स्टूडेंट्स को आस थी कि लापरवाही उजागर होने पर उन्हें पास कर दिया जाएगा। लिहाजा, 25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने आरटीआई दाखिल किया था, तो हजारों की संख्या में स्टूडेंट चैलेंज मूल्यांकन के लिए अप्लाई कर चुके हैं। उन्हें कहीं से राहत तो मिली नहीं। एक मात्र उम्मीद इम्प्रूवमेंट से थी, उसे भी आरयू की लापरवाही ले डूबी।

जीरो नम्बर मिलने से उठा सवाल

ज्ञात हो इस बार आरयू के मेन एग्जाम में एमएससी और बीएससी में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स फेल हुए थे। जिस कारण इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा दोगुने इम्प्रूवमेंट के फार्म भरे गए थे। लेकिन इसके बाद भी स्टूडेंट्स को राहत नहीं मिली। पिछले वर्ष करीब 45 हजार स्टूडेंट्स ने इम्प्रूवमेंट का एग्जाम दिया था। जबकि इस बार 97 हजार स्टूडेंट्स ने इम्प्रूवमेंट का एग्जाम दिया था। क्योंकि इस बार काफी संख्या में ऐसे स्टूडेंट्स है जिनके मेन एग्जाम में तो अधिक मा‌र्क्स आए लेकिन इम्प्रूवमेंट में मा‌र्क्स बढ़ने की बजाय और कम हो गए या फिर डबल जीरो हो गया। जिसको लेकर अब स्टूडेंट्स परेशान हैं। जीरो मा‌र्क्स आने को लेकर ही कॉपियों के मूल्यांकन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बीएससी का रिजल्ट भी जारी

आरयू ने इम्प्रूवमेंट एग्जाम में अन्य सभी सब्जेक्ट का रिजल्ट तो दिवाली पर जारी कर दिया। लेकिन वेडनसडे को बीएससी का भी रिजल्ट जारी कर दिया। बीएससी में भी काफी स्टूडेंट्स फेल हुए हैं।

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बीएससी का भी रिजल्ट वेडनसडे को जारी कर दिया है। स्टूडेंट्स अपना एडमिशन ले सकते हैं। स्टूडेंट्स का मूल्यांकन पर सवाल उठाना गलत है। क्योंकि कॉपियों के मूल्यांकन के बाद उन्हें रि चेक भी किया जाता है।

संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक

Posted By: Inextlive