CWG 2018 : भारत को मिला पांचवा गोल्ड मेडल, जानें पूनम की ट्रेनिंग से लेकर स्वर्ण पदक जीतने तक की कहानी
21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसे मिला गोल्ड21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पांचवां गोल्ड मेडल जिताने वाली वेटलिफ्टर पूनम ने खेल में अपना उम्दा प्रदर्शन करते हुए 222 किलो(110kg+122kg) वजन उठाया और पहला स्थान यानी की गोल्ड मेडल अपने नाम किया। दूसरे स्थान पर इंग्लैंड की डेविस 217 किलो(95kg+122kg) वजन उठाकर सिल्वर मेडिल की हकदार रहीं। वहीं कांस्य पदक पर फिजी की अपोलोनिया वेइवेइ ने 216 किलो वजन उठा कर कब्जा किया। इससे पहले पूनम साल 2014 में ग्लॉस्गो के कॉमनवेल्थ गेम्स के 63 केजी(100kg+116kg) कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था।
पूनम ने कहा 'मैनें भारत के लिए साल 2014 से वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी। वेटलिफ्टिंग के लिए मुझे मेरी बडी़ बहन ने काफी प्रोतसाहित किया। उसी की वजह से मैं आज यहां हूं। इस तरह मैं स्पोर्ट में आई। 22 साल की पूनम को तो ठीक से किसी एक का भी मोबाइल नंबर तक याद नहीं रहता, उन्हें अपने परिवार की हमेशा चिंता रहती है क्योंकि उनके परिवार की हालत कुछ ठीक नहीं थी पर अब आर्थिक नजरिये से उनकी फैमली के हालात काफी सुधर चुके हैं। पूनम की फैमली के हालात उनके साल 2014 में ग्लास्गो मेडल जीतने के बाद से ठीक होने शुरु हो गए थे।'
पूनम ने भारत के खाते में भले ही पांचवा गोल्ड मेडल एड किया हो पर पूनम से पहले भी भारत को ये चार बडे़ खिलाडी़ कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड दिला कर नाम रौशन कर चुके हैं। पूनम के अलावा मीराबाई चानु ने 48 किलो की कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इनसे पहले वेटलिफ्टिंग में संगीता चानु ने 53 केजी, सतीश सिवालिंगम ने 77केजी और वेंकट राहुल रंगला ने 85 केजी की कैटेगरी में गोल्ड अपने नाम किया है। CWG 2018 : वेंकट राहुल ने भारत को दिलाया चौथा गोल्ड, बीमार मां की देखरेख के लिए छोड़ दिया था ओलंपिक