इन दिनों अपनी लेटेस्ट रिलीज्ड मूवी 'अंधाधुन' की सक्सेस एंज्वॉय कर रहीं एक्ट्रेस तब्बू बता रही हैं कि क्यों उन्हें कभी 'स्टीरियोटाइप' नहीं किया जा सकता और कैसे उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनकर करियर में सक्सेस हासिल की है...


features@inext.co.in  KANPUR: 'मकबूल' से लेकर 'दृश्यम' तक, आप अभी तक जिन मूवीज का हिस्सा रही हैं, उनको लेकर बातें जरूर होती रहती हैं। क्या आपको लगता है कि आपको कोई हरा नहीं सकता? नहीं, ऐसा सोचना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। मैंने जिस तरह की मूवीज की हैं, उनको लेकर अपनी च्वॉइस पर मुझे गर्व होता है। सच तो यह है कि मैं अपनी हर मूवी के प्रोसेस में पूरी तरह डूब जाती हूं। मैं जो करती हूं उसमें बेस्ट होना चाहती हूं। मैंने कभी नतीजों के बारे में नहीं सोचा। मैं किसी आम हीरोइन वाले रोल्स नहीं करना चाहती। मुझे हमेशा शर्माने और मुस्कुराने वाली अच्छी लड़की वाले रोल्स करने का शौक नहीं है। एक औरत में बहुत सारी लेयर्स होती हैं और मैं उन्हें एक्सप्लोर करना चाहती हूं। मैं हमेशा फ्लो के साथ गई हूं और अपने दिल की सुनी है।
क्या आपको कभी इस बात की चिंता हुई है कि आपने जो फैसले लिए हैं, वे गलत भी साबित हो सकते हैं?


तब्बू ने अपने अभिनेत्री होने पर कहा, 'मेरा एक्टर बनने का कोई इरादा नहीं था। मेरी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ है वह सब 'बाई चांस' हुआ। मैं अपने काम का ज्यादा आंकलन नहीं करती हूं। मेरी मूवीज देखकर ऐसा लगता होगा कि मैं बहुत दिमाग लगाने के बाद मूवीज चुनती हूं पर ऐसा नहीं है। जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं एक वक्त पर कई सारी मूवीज कर रही थी और उनमें मेरा रोल एक-दूसरे से एकदम अलग होता था। एक मूवी में मैं सुसाइड बॉम्बर (हु तू तू) का रोल कर रही थी तो दूसरी में शर्मीली बहू (हम साथ-साथ हैं) का।'नजर आने वाली हैं अजय देवगन के साथ इस फिल्म में अलग-अलग आप अपने पुराने दोस्त अजय देवगन के साथ एक बार फिर 'दे दे प्यार दे' मूवी में नजर आने वाली हैं। तब्बू ने कहा, 'यह अजय के साथ मेरा बिल्कुल अलग एक्सपीरियंस है क्योंकि इससे पहले हमने एक मैच्योर लव स्टोरी में कभी साथ काम नहीं किया है। यह मूवी हल्के अंदाज में सच्चे रिलेशनशिप्स की बात करती है। हम दोनों एक-दूसरे को दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से जानते हैं। मूवी के सेट पर हमारा रिलेशनशिप फॉर्मल नहीं होता है और हमें कभी नहीं लगता कि हम काम कर रहे हैं, जो अच्छी चीज है।'

इमेज से कोई फर्क नहीं पड़ता

ऐसा लगता है कि आपको परसेप्शन और इमेज जैसी चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। तब्बू बोलीं, 'मुझे लगता है कि ऐसा मेरे टेम्प्रामेंट की वजह से है। मैंने कभी 'रूल्स एंड रेग्युलेशंस' में यकीन नहीं किया है। मैंने कभी नहीं सोचा कि हीरोइन ऐसे एक्सप्रेशंस दे रही है तो मुझे भी वैसे ही करना चाहिए। मैं हमेशा से ही एक एक्टर के तौर पर खुद को एक्सप्रेस करना चाहती थी और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यहां किसी नए ट्रेंड की शुरुआत करूंगी। ऐसे में जब मुझे बीवी नंबर 1 (1999) में एक लाउड और मजेदार रोल मिला तो मैंने उसे करने के बारे में दोबारा नहीं सोचा। वह मूवी करने में मुझे बहुत मजा आया। उस साल मेरी पांच और मूवीज आई थीं और सभी में मेरे कैरेक्टर्स एकदम अलग थे। हालांकि, मेरे अंदर लोगों को यह बताने की इच्छा हमेशा से थी कि मैं कुछ अलग कर सकती हूं।'तब्बू बर्थडे : फिल्मों में पहचान बनाने के लिए बदला असली नाम, एक साल में लगातार रिलीज हुई 8 फिल्मों का हुआ ये हालइस मूवी के लिए अकेली न्यूयार्क गईं थीं तब्बू, बदल दी थी जिंदगी

Posted By: Vandana Sharma