- शहर में बढ़ रहा है अवैध चिडि़यों का कारोबार

- शौकीन पक्षियों की यहां देते हैं मुंह मांगी कीमत

GORAKHPUR: वन्यजीव कानूनों को ताक पर रखकर शहर में खुलेआम प्रतिबंधित पक्षियों को पिंजरे में कैद कर बेचा जा रहा है। महंगे पक्षियों को पालने के शौकीनों के चलते शहर में यह कारोबार इन दिनों तेजी से फल-फूल रहा है। हालांकि यह सीधे तौर पर पर्यावरण के लिए खतरा है। साथ ही इसे बेचने वाले कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इससे वन व पर्यावरण विभाग की भी लचीली गतिविधियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। क्योंकि अब तक इन पक्षियों का व्यवसाय करने वाले एक भी शख्स पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की है। हालांकि अधिकारी इसके धंधेबाजों को चेतावनी जरूर देते रहे हैं। बावजूद इसके शहर में अवैध पक्षियों को कैद कर इसे बेचने का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।

दुकानों पर खुलेआम हो रहा कारोबार

पक्षियों का व्यवसाय बड़े पैमाने पर शहर के मीर शिकार मोहल्ले से लेकर फिश एक्वेरियम व पेट शॉप की दुकानों से होता है। इसके धंधेबाजों को इसके अच्छे दाम मिलते हैं। वहीं पालतू पशुओं की बिक्री के प्रति विभाग का रवैया उदासीन है। इसका फायदा उठाकर ही इसके धंधेबाज खरगोश, कुत्ते, विलायती चूहे आदि के साथ इन महंगे पक्षियों को बेच रहे हैं। एक खरगोश 300 से 500 तक में बिकता है। वहीं कुत्ते के बच्चे के मामले में नस्ल पर उसकी कीमत तय होती है। कम से कम 5000 से इसकी कीमत शुरू होती है। वहीं, सुरीली आवाज व खूबसूरत पक्षियों की कीमत भी हजारों में है।

कोलकाता से आ रही पक्षियाें की खेप

नाम न छापने की शर्त पर शहर के एक दुकानदार ने बताया कि इन पक्षियों को पश्चिम बंगाल के हावड़ा और कोलकाता से लाया जाता है। इसके बाद दलाल विक्रेताओं तक इन पक्षियों को पहुंचाते हैं। उन्हें भी इसके अच्छे दाम मिलते हैं। उन्हें भी मालूम होता है कि पक्षियों को इस तरह से बेचना गैर कानूनी है। बावजूद इसके इसकी अच्छी कीमत मिलने की वजह से यह कारोबार इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए शहर में मीर शिकार मोहल्ले के अलावा दर्जनों दुकानें भी हैं। जहां एक से एक खूबसूरत पक्षियों को बेहद आसानी से खरीदा व बेचा जाता है।

पक्षियों में लव बर्ड की अधिक डिमांड

ऐसे तो पालतू पक्षियों में बजड़ी, काकाटील, पींच, जावा, मकाऊ, रोजिला, मैना, मोर जैसी दर्जनों पक्षियों की प्रजातियां हैं। जिन्हें लोग अपने घरों के पिंजरों में कैद कर पाल रहे हैं। लेकिन इनमें अगर सबसे अधिक किसी पक्षी की डिमांड है तो वह है लव बर्ड। दरअसल, लवबर्ड तोते की ही एक प्रजाति है। इसके बाद हीरामन तोता, बद्रीका, लाल मुनिया, रोजरींग, हमिंग बर्ड की डिमांड भी काफी अधिक है। बड़े तोते की अपेक्षा छोटे तोते ज्यादा पंसद किए जाते हैं। इन्हें एक हजार से 3 हजार रुपए तक में बेचा जाता है। जनवरी में इनकी बिक्री ज्यादा होती है। ये पक्षी लोगों के घरों की शोभा बढ़ाते हैं। शहर के एक दुकानदार ने बताया कि लविंग बर्ड की कीमत प्रति जोड़ा 2 हजार रुपए है। वहीं बद्रिका करीब 800 रुपए जोड़ा बेचा जाता है। इन पक्षियों को जोड़े में ही बेचा जाता है। ये अकेले मर जाते हैं।

महीने में करोड़ों का कारोबार

शहर में पक्षियों के अवैध कारोबार को लेकर मीर शिकार मोहल्ले के अलावा करीब दो दर्जन से अधिक फिश एक्वेरियम व पेट शॉप की दुकानें हैं। जहां रोजना महंगे पक्षियों का खुलेआम अवैध कारोबार हो रहा है। यहां दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर पिंजरे में रखकर इन पक्षियों को बेच रहे हैं। शहर के एक दुकानदार के मुताबिक चूंकि इसमें मछली की अपेक्षा अधिक मुनाफा होता है, ऐसे में दुकानदार पक्षियों पर अधिक जोर देते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि शहर में हर महीने करीब एक करोड़ रुपए से अधिक के महंगे पक्षियों का कारोबार हो रहा है।

Posted By: Inextlive