इमामबाड़ों में पर्यटकों की एंट्री को लेकर बीते दो दिन से जारी विवाद के बाद डीएम कौशल राज शर्मा ने एक बार फिर से दिशा-निर्देश जारी कर स्थित स्पष्ट की है.

- प्रोफेशनल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक रहेगी बरकार

- वही कपड़े पहन कर आएं पर्यटक जिससे न हो किसी को ऐतराज

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LUCKNOW : डीएम कौशल राज शर्मा ने साफ किया है कि ट्रस्ट भवनों में प्रवेश के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है। पर्यटकों को उन कपड़ों में आने की अनुमति है जो दिखने में सभ्य हो। यह निर्णय सभी पर्यटकों और आगंतुकों के बारे में है, कुछ लोग इसे केवल महिलाओं के लिए निर्णय के रूप में पेश कर रहे हैं, जो गलत है। इमामबाड़ा में आगंतुकों द्वारा सिर ढकने की कोई अनिवार्यता नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। जो इसे स्वेच्छा से धारण करना चाहते हैं, उनके लिए प्रवेश द्वार पर हेड कवर प्रदान करने का इंतजाम था, जिसे जारी रखा जाएगा। सिर नहीं ढकने के कारण किसी भी पर्यटक को वापस नहीं भेजा जाएगा। एंट्री गेट्स पर कभी भी हेड कवर देने पर जोर नहीं दिया गया है। भविष्य में भी यह किसी व्यक्ति को जबरदस्ती नहीं दिया जाएगा।

 

बैठक के बाद तय किए कदम
दरअसल डीएम ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें इस बाबत कुछ मुद्दे उठे थे। इसे लेकर आम जनता के बीच कुछ संदेह पैदा हुआ जिसे लेकर डीएम ने फिर से स्थिति को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया कि इमामबाड़ा के नोटिस बोर्ड पर लगाए जाने वाले दिशा-निर्देश अभी तक तैयार नहीं किए गए हैं। उसके लिए एएसआई के दिशा-निर्देशों पर भी विचार किया जाएगा। बैठक में चर्चा के दौरान पिछले महीने इमामबाड़ा भवन में किए गए कुछ फोटो शूट का मुद्दा भी उठा था जिसके बाद में ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित पत्र भेजकर इसे रोकने का अनुरोध किया गया था। इस बाबत तय हुआ है कि ट्रस्ट भवनों के अंदर ट्रायपॉड व पेशेवर वीडियो कैमरों पर प्रतिबंध लगा रहेगा। जो लोग सांस्कृतिक व ऐतिहासिक उद्देश्य के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते हैं, वे ट्रस्ट कार्यालय से अनुमति लेकर ऐसा कर सकते हैं। प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स द्वारा फोटो या वीडियो शूट पर प्रतिबंध है। हालांकि छोटे कैमरों व मोबाइल ले जाने की अनुमति है।

 

पर्यटक भी बनें जिम्मेदार
डीएम ने कहा कि ट्रस्ट के भवनों में सभ्य कपड़ों मे प्रवेश को लेकर फैसला इसलिए उठाया गया है ताकि कोई गलत उद्देश्य से यहां न आने के बजाय इमारत देखने या इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने ही आए। इसके जरिए वे एंट्री गेट पर ही सजग हो सकेंगे और परिसर के अंदर भी एक जिम्मेदार पर्यटक की तरह व्यवहार करेंगे। इससे इन भवनों में शालीनता भी कायम रहेगी। इस बाबत गेटों पर उचित नोटिस लगाने वाले सुरक्षा गार्डो की ब्रीफिंग भी जल्द की जाएगी। इस बाबत पहले भी दिशा-निर्देश दिए गये थे हालांकि बीते कुछ सालों में यह कमजोर पड़ते गये इसलिए सुरक्षा गार्डो को फिर से जागरूक करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह आदेश केवल बड़ा औ छोटा इमामबाड़ा के लिए ही नहीं बल्कि सभी ट्रस्ट भवनों सहित पिक्चर गैलरी आदि के लिए भी है.

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डीएम की सफाई

- ट्रस्ट भवनों में प्रवेश के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है।

- टूरिस्ट्स को उन कपड़ों में आने की अनुमति है जो दिखने में सभ्य हो।

- आगंतुकों द्वारा सिर ढकने की कोई अनिवार्यता नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर

- प्रवेश द्वार पर हेड कवर प्रदान करने का इंतजाम था, जिसे जारी रखा जाएगा

- सिर नहीं ढकने के कारण किसी भी पर्यटक को वापस नहीं भेजा जाएगा

- एंट्री गेट्स पर कभी भी हेड कवर देने पर जोर नहीं दिया जा सकता

- ट्रस्ट भवनों के अंदर ट्रायपॉड व पेशेवर वीडियो कैमरों पर प्रतिबंध लगा रहेगा

- जो लोग सांस्कृतिक व ऐतिहासिक उद्देश्य के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते हैं, वे ट्रस्ट ऑफिस से परमीशन लेनी होगी।

- छोटे कैमरों व मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति है।

Posted By: Inextlive