- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से अपर राजीव नगर में आयोजित की गई राजनी-टी मिलेनियल्स टॉक

- मिलेनियल्स ने बेबाकी से रखी अपनी बात, कैंडिडेट की छवि और काम देखकर वोट करने की कही बात

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DEHRADUN: आज की परिस्थितियों में इलेक्शन मुद्दे विहीन हो गए हैं. जो मुद्दे आम आदमी से जुड़े होते हैं, वे चुनाव से गायब हैं. राष्ट्रीय दल चौकीदार से लेकर बेरोजगारी तक की बात कर रहें हैं, वह भी सोशल मीडिया पर. इलेक्शन अब मुद्दे विहीन होते जा रहे हैं. जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. इस बार जो भी कैंडिडेट हमसे वोट मांगेगा. उनका रिपोर्ट कार्ड देखकर ही वोट किया जाएगा. फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से अपर राजीव नगर में आयोजित राजनी-टी टॉक में मिलेनियल्स ने यह बात कही.

सोशल मीडिया पर इलेक्शन वॉर
राजनी-टी मिलेनियल्स टॉक में राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने चर्चा को शुरू करते हुए वर्तमान सरकार के कार्यो का जिक्र करते हुए स्वीकार किया कि कुछ कार्य ऐसे हुए हैं जिनकी सराहना की जा सकती है, लेकिन जो वादे इस सरकार ने किए थे वो पूरे नहीं हुए हैं. ऐसे में प्रदीप कुकरेती ने कहा कि जो भी पार्टी आने वाले समय में सरकार बनाए वो ऐसे वादे न करे जो पूरे न हो सके. इससे लोकतंत्र से आम आदमी का विश्वास उतर रहा है. उन्होंने कहा कि इलेक्शन में जो मुद्दे उठने चाहिए थे, वो मुद्दे कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं, बात मूलभूत सुविधाओं और समस्याओं की होनी चाहिए, लेकिन राष्ट्रीय दलों में चौकीदार, बेरोजगार को लेकर सोशल मीडिया पर वॉर हो रहे हैं. ऐसे में इलेक्शन मुद्दे विहीन हो गए हैं. सुखदेव सिंह ने प्रदीप की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि केन्द्रीय योजनाओं को धरातल पर उतारने वाला लीडर चाहिए. केन्द्र में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि इन योजनाओं को आम आदमी तक नहीं पहुंचाते हैं. न इन लीडर को इन योजनाओं की पूरी जानकारी होती है और न ही इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पॉलिसी. ऐसे में आम आदमी आज भी विकास से कोसो दूर है. धन सिंह गुसांई ने कहा कि देश की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है, जिस पर सभी दलों को बात करनी चाहिए. देश सुरक्षित रहेगा तो सारे इश्यूज पर बात होगी. इसके अलावा भ्रष्टाचार पर भी सबकी नीति स्पष्ट होनी चाहिए.

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ
इलेक्शन में कई कैंडिडेट दम-खम से चुनावी मैदान में उतरते हैं, लेकिन इलेक्शन लड़ने से पहले इनका रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक होना चाहिए. जयदीप नेगी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सारे प्रत्याशियों के पिछले रिकॉर्ड को देखकर ही वोट करना चाहिए. वोट करने से पहले प्रत्याशियों का रिकॉर्ड जरूर चेक करना चाहिए. इससे सही कैंडिडेट को ही वोट करने में मदद मिलेगी. पिछले सांसद का रिपोर्ट कार्ड हर पार्टी को जारी करना चाहिए.

 

 

इलेक्शन में मूलभूत सुविधाओं को लेकर चर्चा होनी चाहिए. लोगों की रोजमर्रा की समस्याएं जस की तस बनी हुई है. ऐसे में इस तरह के इश्यूज पर बात होनी चाहिए, जो आम आदमी को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा नेशनल सिक्योरिटी को लेकर भी लीडर्स को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए.

नरेन्द्र बिष्ट, बिजनेसमैन

मैं सारे प्रत्याशियों के पिछले रिकॉर्ड को देखकर ही वोट करुंगा. वोट करने से पहले प्रत्याशियों का रिकॉर्ड जरूर चेक करना चाहिए. इससे सही कैंडिडेट को ही वोट करने में मदद मिलेगी. पिछले सांसद का रिपोर्ट कार्ड हर पार्टी को जारी करना चाहिए.

- जयदीप नेगी, बिजनेसमैन

रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. सभी पार्टियां बस हवा-हवाई बातें करती हैं. किसी के पास भी युवाओं के लिए रोजगार को लेकर कोई ठोस नीति नहीं है. इससे युवाओं में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो रोजगार के रास्ते तलाशें.

- चन्द्र मोहन मंमगाई- शिक्षक

इलेक्शन में वह इश्यूज ही उठने चाहिए जो आम आदमी के लिए जरुरी हों. न कि इस तरह के इश्यूज जिनका आम आदमी से कोई सरोकार नहीं है. मेरा वोट आम आदमी के इश्यूज पर बात करने वाले लीडर को जाएगा.

गोविंद सिंह पुंडीर- बिजनेसमैन

देश की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है, जिस पर सभी दलों को बात करनी चाहिए. देश सुरक्षित रहेगा तो सारे इश्यूज पर बात होगी. इसके अलावा भ्रष्टाचार पर भी सबकी नीति स्पष्ट होनी चाहिए. ऐसे प्रतिनिधि को ही वोट करुंगा, जो देश की सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर बात करे.

धन सिंह गुसांई- समाजसेवी

हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो पहाड़ में रहने वाले लोगों की समस्याओं को समझे. मुद्दे ऐसे हों, जो हमारी लाइफ स्टाइल का छुएं. न कि ऐसे सपने दिखाए जाएं, जो हमारी लाइफ में कोई महत्व नहीं रखते हाें.

- आनंद बिहारी उनियाल, समाजसेवी

महिलाओं की बात सब करते हैं, लेकिन महिलाओं को किन-किन परिस्थितियों से गुजरना होता है, उसको लेकर कोई बात नहीं करता है. ऐसे प्रतिनिधियों की जरूरत है जो महिलाओं की पेंशन, दिव्यांगों के लिए कुछ अलग सोच रखता हो.

विजय लक्ष्मी- हाउस वाइफ

बेरोजगारों के लिए एक ऐसी पॉलिसी की जरुरत है, जो कि वास्तव में देश के बेरोजगारों को नई दिशा दिखाए. रोजगार की पॉलिसी को लेकर हमारे लीडर्स को इलेक्शन में वोट मांगने चाहिए. यूथ के लिए रोजगार देना प्राथमिकता में होना चाहिए.

पुरुषोत्तम कोठियाल- समाजसेवा

राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो सरकार सबसे अहम डिसीजन ले, ऐसी सरकार को हमें चुनना चाहिए. देश की सुरक्षा से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. इसके बाद रोजगार सबसे बड़ा इश्यू है.

रतन सिंह रावत- समाजसेवी

भ्रष्टाचार हमारे लिए सबसे बड़ा इश्यू है. आज भी भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाई है. जिससे आम आदमी का जीवन प्रभावित हो रहा है. पहले तो हमारे एमपी पर कोई भ्रष्टाचार के आरोप न लगे हों. इसके साथ ही उसकी नीति भ्रष्टाचार के खिलाफ हो.

बचन सिंह पंवार- समाजसेवा

हमारी लोकसभा सीट पर पर्यटन एक ऐसा इश्यू है. जिसपर बहुत काम करने की जरुरत है. पर्यटन से हमारे युवाओं को भी रोजगार मिल सकता है. साथ ही पलायन भी रुकेगा. हमारे लीडर को पर्यटन पर विशेष पॉलिसी लाने की जरुरत है.

राकेश भंडारी- व्यापारी

मेरी बात--
केन्द्रीय योजनाओं को धरातल पर उतारने वाला लीडर चाहिए. केन्द्र में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि इन योजनाओं को आम आदमी तक नहीं पहुंचाते हैं. न इन लीडर को इन योजनाओं की पूरी जानकारी होती है और नहीं इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पॉलिसी.

सुखदेव सिंह- बिजेनसमैन

कड़क मुद्दा--
इलेक्शन में जो मुद्दे उठने चाहिए थे, वो मुद्दे कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं, बात मूलभूत सुविधाओं और समस्याओं की होनी चाहिए. लेकिन राष्ट्रीय दलों में चौकीदार, बेरोजगार को लेकर सोशल मीडिया पर वॉर हो रहे हैं. ऐसे में इलेक्शन मुद्दे विहीन हो गए हैं, जबकि बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही पर्यटन, केन्द्रीय योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि चाहिए.

प्रदीप कुकरेती- राज्य आंदोलनकारी

Posted By: Ravi Pal