विश्व जनसंख्या दिवस : बढ़ती जनसंख्या से सिमटते संसाधन
जनसंख्या के अनुपात में पूरे नही पड़ रहे शहर में उपलब्ध संसाधन
meerut@inext.co.inMEERUT : जिस तेजी से शहर की जनसंख्या बढ़ रही उस तेजी से शहर के संसाधनों और सुविधाओं में इजाफा नही हो रहा है। इसी का नतीजा है कि शहर के लोगों को मिलने वाली बुनियादी जरुरतों की पूर्ति में दिनों दिन कमी आती जा रही है। यदि इसी तेजी से जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में संसाधनों की वृद्धि ना हुई तो आने वाले समय में स्थिति विस्फोटक हो सकती है। शहर में बिजली की स्थिति
शहर में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में साल दर साल सुधार में इजाफे के बाद भी शहर की विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बहाल नही हो पा रही है। बिजली चोरी से लेकर लाइन लॉस की समस्या अभी तक बनी हुई है। ऐसे में लगातार बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से अधिक सुधार की जरुरत है।
उपभोक्ता तकरीबन 2.75 लाख आवश्यकता1900 मिलियन यूनिट सालाना आपूर्ति1560 मिलियन यूनिट सालाना आपूर्ति प्रतिदिन430 मेगावॉट डिमांड500 मेगावॉट - आपूर्ति में कमी100 मेगावॉटकुल बिजलीघर32- निर्माणाधीन- 4 पेयजल व सफाई का हाल
नगर निगम की भरपूर कोशिश के बाद भी ना तो शहर के नालों को सिल्ट व गंदगी मुक्त किया जा पा रहा है और ना ही शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार है। हालत यह है कि आज भी शहर की 40 प्रतिशत आबादी गंदा पेयजल पीने को मजबूर है।
शहर की पेय जल की स्थिति - 135 लीटर पेय जल चाहिए प्रति व्यक्ति को मानक के अनुसार- 125 लीटर प्रति व्यक्ति पेयजल ही मिल रहा है- 1.80 लाख परिवार बिना कनेक्शन पेयजल का यूज कर रहे हैं आंकड़ों के मुताबिक- 1.18 लाख पेय जल कनेक्शन निगम के मुताबिक- 2.50 लाख से अधिक घर हैं हाउस टैक्स के दायरे में वार्डो की स्थिति- - नगर निगम के दायरे में 90 वार्ड- इस साल 10 नए वार्डो का निर्धारण- वार्डो में सफाई कर्मचारियों की संख्या- 3188- इनमें स्थायी 973, अस्थाई- 2215 सफाई कर्मचारी- शहर में प्रमुख नालों की संख्या करीब- 285