इला मेनन, आर्ट जगत के लिए एक जाना पहचाना नाम। 1940 में बंगाल में जचमी इला के लिए बचपन काफी परेशानियों चारा रहा। महज 15 साल की उम्र में ही उचहें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद उचहोंने अपनी बनाई हुई कुछ पेंटिंचस बेच कर दोबारा पढ़ाई शुरू की और चाी जेजे इंस्टीट्यूट फॉर अचलाइड आ‌र्ट्स में एडमिशन लिया। महज 18 साल की एज में उचहोंने अपना पहला सोलो एचजीबिशन लगाया। इसके बाद उचहोंने विदेशों में चाी अपनी पेंटिंचस की प्रदर्शनी लगायी। बाद में इंडिया आकर अपने चाइल्डहुड लव राजा मेनन से शादी की, जो एक नेवी ऑफिसर चो। इला मेनन ने इंडियन कंटेचप्ररी ऑर्ट को चलोबल लेवल पर एक मुकाम तक पहुंचाया है। आर्ट एचजीबिशन में पार्टिसिपेट करने जमशेदपुर आयीं इला मेनन से आई नेचस्ट ने खास बातचीत की। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश

आपको आज के दौर में चया बदलाव नजर आता है?

पहले के दौर में कॉचपटीशन नहीं था। मेरे जमाने में केवल 300 से 400 आर्टिस्ट ही हुआ करते चो, पर आज तो लाचाों की तादाद में आर्टिस्ट्स है, इसलिये काचपटीशन चाी बढ़ गया है।

आने वाले दिनों में आर्ट में चया स्कोप है?

आने वाले दिनों में आर्ट में काफी स्कोप है। इंडियन आर्टिस्ट्स को मेनस्ट्रीम में जोड़ा जा रहा है। उनके वर्क को चलोबली रिकचनाइज किया जा रहा है। इसके अलावा अब तो बड़े-बड़े आर्ट एचजीबिशंस और वर्कशॉचस चाी ऑर्गेनाइज किए जा रहे हैं। जिनसे यंग आर्टिस्ट्स को अपने टैलेंट को निचारने का मौका मिलता है। चसो आई चिांक दिस इज द बेस्ट टाइम टू चूज इट ऐज अ कॅरियरच।

एक अचछा पेंटर बनने के लिए चया चीजें जरूरी हैं?

अगर आप आर्ट को एक प्रोफेशन के रूप में देचा रहे हैं। तो इसके लिए आपको 100 परसेंट कमिटमेंट देना होगा। अपनी आर्ट में परफेचशन जगाने के लिए आपको कम से कम दिन में 7 से 8 चांटे काम करना जरूरी है। आपकी पेंटिंग का कंसेचट चलीयर हो कि आप चया मैसेज कचवे करना चाहते हैं?

आर्ट स्टूडेंट्स के लिए चया मैसेज देना चाहेंगी?

पहले के दिनों में आर्ट को एक कॅरियर के रूप में चुनने से फैमिली काफी नाचाुश रहती चाी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पैरेंट्स को चाी समझ में आ गया है कि आर्ट को प्रोफेशन बनाया जा सकता है। ऐसे में आर्ट स्टूडेंट्स को मौके का फायदा उठाना चाहिए। अगर आर्ट में पैशन को इचवॉल्व करेंगे, तो आपकी पेंटिंचस में और चाी निचार आएगा।

Posted By: Inextlive