भारत को अपनी सीमाओं का पता नहीं: जसवंत सिंह
उनके मुताबिक़ ये चार रेखाएँ हैं – भारत और चीन के बीच की मैकमहोन लाइन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच की डूरंड लाइन, भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा और भारत-प्रशासित कश्मीर में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा.बीबीसी हिंदी से एक विशेष बातचीत में जसवंत सिंह ने कहा, "चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में हम इन चार रेखाओं में फँस गए हैं, हम इससे मुक्ति पा सकते हैं और इससे मुक्ति पाना ही भारत के लिए आवश्यक है."जसवंत सिंह की नई किताब 'इंडिया एट रिस्क: मिस्टेक्स, मिसकनसेप्शन एंड मिसएडवेंचर ऑफ़ सिक्यूरिटी पॉलिसी' में भारत के सुरक्षा संबंधी प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा की गई है.रणनीतिक दृष्टि का अभावये किताब शुक्रवार को दिल्ली में जारी की जाएगी.
इससे पहले बीबीसी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अपने आंतरिक और बाहरी संघर्षों से निपटने के लिए भारत के पास रणनीतिक दृष्टि की कमी है.
उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सीमाओं तक का ज्ञान नहीं है, यहाँ तक कि ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से पहले भारत का कोई नक्शा ही नहीं है.
ख़ास तौर पर सन 2000 में हुई कंधार विमान अपहरण के संदर्भ में वो अब भी मानते हैं कि सरकार के सामने ग़लत या सही के बीच चुनाव करने की चुनौती नहीं होती बल्कि दो बड़ी नकारात्मक चीज़ों में से एक को चुनने की दुविधा होती है.उन्होंने कहा, "एक ओर एक हवाई जहाज़ के भीतर 166 लोग ठंड के मौसम में बिना हीटिंग के फँसे हुए हैं और वहाँ सिर्फ़ एक शौचालय है. तो क्या आप 166 लोगों को बेआसरा छोड़ देंगे या(उनके एवज़ में) तीन आतंकवादियों को जाने देंगे....? ये सवाल अब तक हमारे गले में पत्थर की तरह लटका हुआ है, जो शायद नहीं होना चाहिए था."