India is our teacher
आज से नहीं बहुत पहले से। इस बारे में मैंने इंदिरा गांधी से बात भी की थी। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया था कि वो इस तरफ काम करेंगी। लामा ने कहा कि एजूकेशन सिस्टम को बदलने की जरूरत है। इंडिया टेक्निकली तो बढ़ रहा है लेकिन बेसिकली पिछड़ रहा है।
Separation is not way
तिब्बत और चीन के विवाद पर बोलते उन्होंने कहा कि सेपरेशन इज नाट ए वे, हम सेपरेशन नहीं चाहते। हम इकोनोमिक डवलपमेंट और आटोनामी चाहते हैं। कोई ऐसा रास्ता जिससे दोनों का भला हो। ये चाइना के कंस्टीट्यूशन में भी लिखा है। लेकिन वो अपने कंस्टीट्यूशनको ही फॉलो नहीं करते।
अशिक्षा, गरीबी दूर करो
आतंकवाद के एक सवाल पर बोलते हुए दलाई लामा ने कहा कि आतंकवाद एकदम से शुरू नहीं होता। इसके लिए गरीबी और अशिक्षा, करप्शन, अन इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रिसोर्स एंड डवलपमेंट जैसे बहुत से कारण जिम्मेदार होते हैं। पहले हमें इन पर और बाकी सामाजिक बुराइयों को खत्म करना होगा। जैसे कि दहेज प्रथा, जातिवाद। आजादी से पहले सब यही चाहते थे। लेकिन आजादी के बाद सुख और आराम की जिंदगी ने सबको बदल दिया।
गिरावट आई
क्या भारत सही दिशा में बढ़ रहा है? इस सवाल पर दलाई लामा ने कहा कि सिर्फ पॉलिटिशंस को कोसना सही नहीं। गिरावट समाज के हर हिस्से में आई है। धर्म गुरुओं के रोज स्कैंडल सामने आते हैं, स्कूल टीचर या प्रोफेसर भी इनसे अछूते नहीं हैं।