मंगल ग्रह की ओर भारत के कदम श्रीहरिकोटा से हुआ रवाना मंगलयान.


देश के लिए गर्व आखिरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला मंगल यान रवाना हो गया. गौरतबल है कि 'मिशन मार्स' से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए वैज्ञानिकों को मिशन मार्स के लिए बधाई दी थी. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है और हम सभी कामना करते हैं कि यह मिशन सफल हो.चक्रवात की स्थितीभारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) के एक प्रवक्ता ने बताया, रॉकेट की लंबाई 44.4 मीटर है और इसे स्पेसपोर्ट के फ‌र्स्ट लॉन्च पैड पर लगाया गया है. यहां 76 मीटर लंबा एक मोबाइल सर्विस टावर लगा है, जो 230 किलोमीटर प्रति घंटा की गति वाली हवा में भी टिका रह सकता है. इस तरह यह चक्रवात की स्थिति से निपटने में सक्षम है.PSLV 25
पीएसएलवी 25 मंगलवार को यहां से 100 किलोमीटर दूर स्पेसपोर्ट से दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया. इसरो सूत्रों ने कहा कि इस व्हीकल की स्थिति का लगातार निगरानी रखने वाले पोर्ट ब्लेयर, बेंगलूर के पास बाएलालू और ब्रूनेई के ट्रैकिंग स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं समुद्री टर्मिनलों (भारतीय जहाजरानी निगम के जहाजों) एससीआई नालंदा और एससीआई यमुना ने दक्षिणी प्रशांत महासागर में अपनी जगह ले ली है. 25 दिन बाद पहुंचेगाऐसा माना जा रहा है कि उड़ान के बाद रॉकेट को पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह छोड़ने में 40 मिनट से ज्यादा समय लगेगा. मंगलग्रह पर जाने वाला यान 1 दिसंबर को ग्रह के लिए अपनी यात्रा शुरू करने से पहले 20 से 25 दिन तक पृथ्वी के चारों ओर घूमेगा और 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंच जाएगा.

Posted By: Subhesh Sharma