भारत ने अपना पहला नेविगेशनल सैटेलाइट ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है.


ये उपग्रह भारत और उसके 1500 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले इलाकों से रियल टाइम पोज़िशनिंग जानकारी उपलब्ध कराएगा.इसे भारत की अपनी जीपीएस प्रणाली तैयार करने की तरफ एक महत्पूर्ण कदम माना जा रहा है.सोमवार रात 11 बजकर 45 मिनट पर चेन्नई से करीब 80 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस उपग्रह को पीएसएलवी सी22 रॉकेट से अंतरिक्ष में पहुंचाया गया.ये 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी का चक्कर लगाएगा. ऐसे ही छह और उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जाने हैं.ये जीपीएस प्रणाली अमरीका की ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम से मिलता जुलता होगा. इसके जरिए जीपीएस डिवाइस लगे उपकरण और गाड़ियों की सटीक निगरानी हो सकेगी.आई आर एन एस एस यानी इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम भारत का पहला स्वदेशी जीपीएस सैटेलाइट सिस्टम है.
भारत के लिए खुद का जीपीएस सिस्टम काफ़ी जरूरी था क्योंकि इस सेवा के लिए पहले वो दूसरे देशों पर आश्रित था. भारत से अन्य देशों से युद्ध या वैचारिक मतभेद की स्थिति में देशों द्वारा ये सेवा वापस ले लिए जाने का भी डर बना हुआ था.


जीपीएस तकनीक का प्रयोग रक्षा और अपराध नियंत्रण क्षेत्र के अलावा लोक कल्याण और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh