Gorakhpur: जाना था जापान पहुंच गए चीन... ऐसा ही कुछ कर रहा है इंडियन पोस्टल डिपार्टमेंट. गोरखपुर के पोस्टल डिपार्टमेंट की लापरवाही से सिविलियंस के पार्सल गवर्नमेंट के कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट बैंक की चेक बुक और कुछ अन्य डॉक्यूमेंट सही व्यक्ति तक पहुंचने की जगह यूनिवर्सिटी पहुंचा दिए गए हैं. यह खुलासा हुआ है आई नेक्स्ट की इन्वेस्टिगेशन में.


बीएड फॉर्म के साथ चेक बुक और दूसरे पार्सलडीडीयू को इस साल जेईई बीएड कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी दी गई है। स्टेट लेवल के इस एग्जाम में डेली हजारों की संख्या में एप्लीकेशन फॉर्म आ रहे हैं, जिनको पोस्टल डिपार्टमेंट बोरों में भरकर यूनिवर्सिटी को भेज रहा है। लेकिन पोस्टल डिपार्टमेंट की लापरवाही के चलते इन फॉर्मस के साथ में दूसरे लोगों को पहुंचाए जाने वाले पार्सल और डाक्ॅयूमेंट भी इन्हीं बोरों में मिक्स करके यूनिवर्सिटी को भेज दिए जा रहे हैं।सिक्योरिटी प्वाइंट से खतरनाक


डिपार्टमेंट की इस लापरवाही से पब्लिक तो परेशान हो ही रही है साथ ही यह सिक्योरिटी प्वॉइंट ऑफ व्यू से भी काफी खतरनाक है। वर्तमान में यूनिवर्सिटी में जो पार्सल पहुंचे हैं उनमें मुख्य आयकर आयुक्त, इलाहाबाद की ओर से स्पीड पोस्ट के थ्रू आयकर आयुक्त, गोरखपुर को भेजा गया पैकेट भी है। इसके अलावा इसमें राज आई हॉस्पिटल के एड्रेस पर मंगाई गई निशा सिंह की एसबीआई की चेकबुक, बिजनेसमैन दीपक बी आत्रे का दिल्ली से आया उनकी मेडिसिन्स का पार्सल और मुबारक हुसैन नाम के व्यक्ति की ओर से मुख्य अभियंता (गंडक) को भेजा गया पैकेट शामिल है। इस सामान में कितनी इंपॉर्टेंट और कॉन्फिडेंशियल चीजें शामिल हैं यह आसानी से समझा जा सकता है।Nothing is confidential

मार्च मंथ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास कई इंपॉर्टेंट ऑफिशियल डॉक्यूमेंट आते हैं, जिनके लिए टाइम लिमिट फिक्स होती है। इनमें टैक्स रिकवरी का टार्गेट या किसी पॉलिसी के अलावा कई चीजें शामिल होती हैं। गोरखपुर के इनकम टैक्स कमिश्नर डॉ। अनिल कुमार सिंह के अनुसार कई बार ऐसे ऑर्डर (डॉक्यूमेंट्स) भी भेजे जाते हैं, जिनका इम्प्लीमेंटेशन मात्र 1-2 दिन में करना हो। लेकिन पोस्ट ऑफिस की लापरवाही में तो यह डॉक्यूमेंट्स टाइमली पहुंच ही नहीं सकते, जिससे प्रॉब्लम क्रिएट हो सकती है।हो सकता है फ्रॉडचेक बुक बहुत ही कॉन्फिडेंशियल होती है। अगर यह किसी और के हाथ लग जाए तो वह इस पर फेक साइन करके मिस यूज कर सकता है। इसके अलावा हाल ही में रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार नई चेक बुक इशू की जा रही हैं। ऐसे में अगर किसी के पास नई चेकबुक न पहुंचे तो उसे बड़ी प्रॉब्लम हो सकती है और अगर यह चेकबुक किसी और मिल जाए तो खतरा कितना बढ़ जाता है यह किसी से छुपा नहीं है।पेशेंट्स को नहीं मिली मेडिसिन

किसी पेशेंट के लिए मेडिसिन टाइमली मिलना बहुत जरूरी होता है। लेकिन पोस्ट डिपार्टमेंट की लापरवाही में पेशेंट टाइमली मेडिसिन के पार्सल न मिलने से परेशान हो रहे हैं। डिपार्टमेंट की लापरवाही से जो पार्सल यूनिवर्सिटी पहुंचा है उसमें दीपक बी आत्रे नाम के व्यक्ति की शूगर की मेडिसिन्स हैं, जो उन्होंने दिल्ली से मंगाई थीं। उन्होंने पहले की मेडिसिन्स खत्म होने से पहले यह आर्डर दिया था जिससे टाइमली मेडिसिन्स मिल जाएं। लेकिन ऐसा हो न सका। उनकी पहले की मेडिसिन्स भी खत्म हो गईं और पार्सल भी नहीं मिला।स्पीड पोस्ट का मतलब होता है टॉप प्राइऑरिटी। हम लोगों के कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट्स नेशनल इंपॉर्टेंस के होते हैं। मार्च में एक घंटा तक भारी पड़ जाता है ऐसे में कई दिन के देरी में बहुत गड़बड़ हो सकती है। इट्स अ सीरियस इशू। हम लोग इसके लिए पोस्टल डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स से बात करेंगे।डॉ। अनिल कुमार सिंह, इनकम टैक्स कमिश्नर, गोरखपुरकस्टमर को टाइमली चेकबुक न मिलने या दूसरे के हाथ में जाने से बैंक की क्रेडिबिलिटी खराब होती है। इसके अलावा दूसरे के हाथ में किसी की चेकबुक जाना बहुत रिस्की है। यह बहुत ही कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट है। हम इस बारे में पोस्टल डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स से बात करेंगे और जरूरत हुई तो कम्पनसेशन के लिए क्लेम करेंगे।केसी भांजा, डीजीएम, एसबीआई
मैंने कई दिन पहले अपनी मेडिसिन्स मंगाई थीं। एक दिन भी उनको अवॉइड नहीं कर सकता। पार्सल टाइमली नहीं मिला तो मैंने कंपनी में बात की। उन्होंने कहा कि पार्सल कई दिन पहले डिलिवर हो चुका है। हेड पोस्ट आफिस में कन्फर्म किया तो बताया गया कि पार्सल आया ही नहीं है। इस बारे में पोस्ट ऑफिस में कम्प्लेंट करूंगा। नेक्स्ट टाइम कोरियर मंगवाने का सोचना पड़ेगा।दीपक बी आत्रे, बिजनेसमैनदूसरों के कई पैकेट और पार्सल हमारे यहां आए हैं। हम इस बारे में ट्यूज्डे को पोस्टल डिपार्टमेंट में इन्फॉर्म करेंगे जिससे वह उनको वापस मंगा सकें। दूसरों के पैकेट आने से हमारी जिम्मेदारी और काम बढ़ जाता है। सभी चीजों को संभालना पड़ता है जिससे किसी का नुकसान न हो।एसएन पांडेय, टेक्निकल नोडल ऑफिसर, जेईई बीएडनो डाउट यह एक बड़ी गड़बड़ी है। मैं पिछले एक मंथ के सभी पार्सल, स्पीड पोस्ट और अन्य लेटर के डिटेल देखूंगा। चेक कराया जाएगा कि ऐसे कितने पैकेट्स हैं जो टाइमली नहीं पहुंचे या गलत भेज दिए गए। जो भी दोषी होगा जरूरत पडऩे पर डिसिप्लीनेरी एक्शन लिया जाएगा। डिस्पैच की मॉनिटरिंग भी बढ़ाई जाएगी।आलोक ओझा, सीनियर सुपरीटेंडेंट पोस्टReport by: shailesh.arora@inext.co.in

Posted By: Inextlive