अमेरिका का रुख मोदी सरकार को लेकर निराश है. इसकी वजह है सरकार का फूड सिक्योरिटी को लेकर अपने रुख पर कायम होना.


भारत का नाम लिए बिना निराशा जताईभारत का सीधा नाम लिए बगैर अमेरिका ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अपनाए गए इस रुख पर शुक्रवार को घोर निराशा जताई कि भारत फूज सिक्योरिटी पर उसकी चिंताओं को सुलझाए बिना व्यापार सुगमता समझौता (टीएफए) पर साइन नहीं करेगा. टीएफए पर भारत के रुख के बार में अमेरिका के वाइस ट्रेड प्रेसीडेंट माइकल पुंके ने कहा, 'आज हम इस बात से बहुत ज्यादा निराश हैं कि इस ऑर्गनाइजेशन में कुछ मुट्ठीभर मेंबर्स बाली में हुए समझौतों, बाली करार को खत्म करने से किनारा करने को तैयार हैं.'भारत ने दिया कड़ा संदेश
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन को एक कड़े संदेश में भारत ने आज कहा कि वह फूड सिक्योरिटी का परमानेंट सोल्यूशन निकलने तक टीएफ पर साइन नहीं करेगा. भारत चाहता है कि मौजूदा नियमों में सुधार किया जाए, क्योंकि इसके कारण खाद्यान्नों की खरीद का काम असंभव हो जाएगा. कॉमर्स स्टेट मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने इस बात से अवगत कराया है कि इस समझौते से लाखों छोटे किसानों के हितों को नुकसान पहुंचेगा. यदि भारत अपने रुख पर कायम रहता है तो डब्ल्यूटीओ के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी समझौते के एक्जीक्यूशन को रोकना पड़ेगा. भारत के लगातार विरोध के कारण टीएफ खतरे में पड़ सकती है. इस पर सिगनेचर करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है.

Posted By: Shweta Mishra