राज्यसभा से आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधयेक के पारित होते ही भारत के 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना के गठन का रास्ता साफ़ हो गया है. पेश है इस नए राज्य से जुड़ी कुछ ख़ास बातें.


तेलंगाना का गठन आंध्र प्रदेश के विभाजन से हो रहा है. आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद अगले 10 सालों के लिए दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी.क्योंकि हैदराबाद नए गठित राज्य तेलंगाना में है इसलिए सरकार विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी जो अपने गठन के 45 दिनों के भीतर आंध्र प्रदेश के लिए नई राजधानी सुझाएगी.आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, तेलंगाना के भी राज्यपाल होंगे.कृष्णा और गोदावरी यहां की दो प्रमुख नदियां हैं. इन नदियों का पानी दोनों राज्यों में बंटेगा. इसकी निगरानी करने के लिए केंद्र सरकार एक परिषद का गठन करेगी.पोलावरम सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया जाएगा. इस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होगा.सीटों का बंटवारातेलंगाना राज्य में वर्तमान आंध्र प्रदेश के दस ज़िले शामिल होंगे.


दोनों राज्यों के बीच समझौता नहीं हो पाता है तो केंद्र सरकार इसमें दख़ल देगी और इसके लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से सलाह करेगी.राज्य के विशेष सुरक्षा बलों को सलाह-मशवरे के बाद दोनों राज्यों में बांट दिया जाएगा.13वें वित्त आयोग की सिफ़ारिशें भी आबादी और अन्य ज़रूरतों के हिसाब से दोनों राज्यों पर लागू होंगी.

आंध्र प्रदेश के हैदराबाद, आदिलाबाद, खम्मम, करीम नगर, महबूब नगर, मेढक, नलगोंडा, निज़ामाबाद, रंगा रेड्डी और वारंगल ज़िले तेलंगाना राज्य का हिस्सा होंगे.तेलंगाना राज्य की सीमाएं आंध्र प्रदेश के अलावा अन्य चार राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से लगेंगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh