भारत बनाम आॅस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट पर्थ में खेला जा रहा। इस मैच में भारतीय टीम चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी है। भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह तीसरा मौका है जब टीम में कोर्इ स्पिनर नहीं खेल रहा।


कानपुर। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट 14 दिसंबर से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में शुरु हो गया। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने सीरीज का पहला टेस्ट जीतकर 1-0 की बढ़त बना ली थी। ऐसे में विराट चाहेंगे कि दूसरा टेस्ट भी अपने नाम कर लें। इसके लिए कोहली एक अलग टीम लेकर पर्थ में उतरे हैं। भारत ने इस मैच में किसी स्पिनर को न शामिल करते हुए सिर्फ चार तेज गेंदबाज खिलाए हैं। भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह तीसरा मौका है जब भारतीय टीम चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी है। आइए जानें भारत का पिछला रिकाॅर्ड कैसा था।पहली बार 2012 में हुआ था ऐसा
क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, भारत ने पहली बार साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही टेस्ट में चार तेज गेंदबाज उतारे थे। यह मैच भी पर्थ में खेला गया था मगर तब टेस्ट पर्थ के वाका मैदान पर होते थे। उस वक्त एमएस धोनी की कप्तानी में चार मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट वाका में खेला गया। इस मैच में धोनी ने चार तेज गेंदबाजों को उतारकर सभी को चौंका दिया क्योंकि इससे पहले कभी भी टीम इंडिया बिना स्पिनर के टेस्ट में नहीं उतरी थी। इस मैच में जहीर खान, इशांत शर्मा, उमेश यादव और आर विनय कुमार को भारतीय पेस अटैकिंग की जिम्मेदारी दी गई थी, हालांकि धोनी का यह दांव काम नहीं आया। भारत को इस मैच में पारी और 37 रन के अंतर से बड़ी हार झेलनी पड़ी थी।2018 में कोहली भी कर चुके ऐसाइस साल जनवरी में भारतीय टीम जब साउथ अफ्रीका दौरे पर गई थी तब एक मैच में कप्तान विराट कोहली ने चार तेज गेंदबाजों को मैदान में उतारा था। यह टेस्ट जोहिंसबर्ग में खेला गया था। इस मैच में जो चार तेज गेंदबाज शामिल थे, उसमें भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह शामिल थे। हालांकि इन तेज गेंदबाजों ने अपने कप्तान को निराश नहीं किया और 63 रन से मैच जीत लिया था।बैट उछालकर टाॅस करना क्रिकेट में नया नहीं, 18वीं सदी में होता था ऐसाजानें विदेश में सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाला भारतीय कप्तान कौन है ? विराट उस रिकाॅर्ड से एक कदम दूर

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari