चक्रवाती तूफान 'फेनी' के भयानक रूप के बीच भारत की जीरो कैजुअल्‍टी पॉलिसी और यहां के मौसम विभाग की अलर्टनेस की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। इस अवेयरनेस से कई जिंदगियां बच गई हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भी भारत के इस कदम की प्रशंसा हो रही है।


यूनाइेड नेशन (आईएएनएस)। चक्रवाती तूफान फेनी आज बेशक कमजोर हो गया लेकिन कल उसने ओडिशा में अपना विकराल रूप दिखाया। यह बेहद भयानक तूफानों में से एक है। चक्रवाती तूफान फेनी जितना भयानक और शक्तिशाली था उससे होने वाली मौतों में इजाफा हो सकता था लेकिन भारत की जीरो कैजुअल्टी पॉलिसी व मौसम विभाग की सटीक चेतावनी ने इस पर काबू किया। इसकी तारीफ दुनिया भर में हाे रही है। माैसम विभाग भी काफी अलर्ट थायूएन ऑफिस के डिजआस्टर रिस्क रिडक्शन के प्रवक्ता डेनिस मैक्कलीन ने जेनेवा का कहना है भारत में इस तूफान से निपटने के लिए शानदार कदम उठाए गए। संभावित मौतों की संख्या को कम करने में भारत सरकार की जीरो कैजुअल्टी पॉलिसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा यहां का माैसम विभाग भी काफी अलर्ट था। उसकी प्रारंभिक चेतावनी सटीक थी इससे प्रशासन भी काम अच्छे से कर रहा था।


लाखों लोग 900 सेल्टर्स में पहुंचे

चक्रवात की वजह से बनाए गए 900 सेल्टर्स में करीब 10 लाख लोग पहुंचाए गए। शुक्रवार को ओडिशा में 175 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हवाएं चली और चक्रवात से भूस्खलन हुआ। शनिवार सुबह तक 10 से कम लोगों की मौत की सूचना मिली थी। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने कहा कि इससे पहले 2013 में आए फेलिन तूफान के दाैरान ही भारत की अलर्टनेस दिखने लगी थी। 10,000 लोगों की जान चली गई नुलिस के मुताबिक साल 1999 के सुपर चक्रवात की तुलना में 2013 में यहां जनहानि काफी कम हुई थी। सुपर चक्रवात ने 1999 ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी। इस चक्रवात में करीब 10,000 लोगों की जान चली गई थी। वहीं दो माह से पूर्वी अफ्रीका के देशों चक्रवात ईदई और केनेथ ने कई लोगों की जान ली है। इदई 14 मार्च को मोजाम्बिक और फिर मेडागास्कर, मोजाम्बिक, मलावी और जिम्बाब्वे से होकर गुजरा।Fani ने पैसेंजर्स की जर्नी पर फेरा पानी1,000 से अधिक लोग मारे गएइसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए। वहीं केनेथ 24 अप्रैल को कोमोरोस से अगले दिन मोजाम्बिक में प्रवेश किया। इस दाैरान करीब 40 लोग मारे गए। मोजाम्बिक में विनाशकारी बाढ़ के बाद फैले हैजे को रोकने के लिए यूएन एजेंसी प्रयासरत है। वहीं न्यूयार्क में यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता स्टेफनी दुजारिक ने बताया कि कि तूफान फेनी के आने से पहले ही यूएन की मानवीय एजेंसियों ने तैयारी के लिए मीटिंग की थी।

Posted By: Shweta Mishra