विश्‍वस्‍तर पर हर देश की ताकत का अंदाजा उसकी आपातकालीन युद्ध से निपटने की तैयारियों से लगाया जाता है लेकिन ये क्‍या भारत की युद्ध तैयारियां तो अंदर से मानको पर खरी नहीं उतर रही हैं. इस बात का खुलासा हाल ही में सीएजी ने किया है. जिसमें यह खुलासा हुआ है कि भारत के पास केवल 15-20 दिनों के युद्ध का गोला-बारूद मौजूद हैं. इसके अलावा लड़ाकू विमान तेजस भी 30 सालो बाद भी युद्ध के लिए तैयार नहीं हुआ है.


15-20 दिनों तक युद्ध का गोला बारूदसीएजी के मुताबिक भारतीय थल सेना की युद्ध तैयारियों मानकों पर खरी नहीं हैं. वर्तमान में इसके बाद लगातार 40 दिनों तक आपातकालीन युद्ध की तैयारियां पूरी नहीं हैं. जबकि नियमानुसार सेना के पास 40 दिनों तक का वॉर रिजर्व होना चाहिए. पिछले कई साल से बार बार आगाह करने के बाद भी भारतीय सेना के पास वर्तमान में भी 15-20 दिनों तक युद्ध लड़ने का गोला बारूद है. इसके अलावा यह भी खुलासा किया कि आज भी स्वदेसी जेट लड़ाकू विमान तेजस विमान के लिए तैयार नहीं है. अगर कभी कोई आपातकालीन स्िथति आती है तो तेजस कुछ नहीं कर सकता है. जबकि यह पिछले 30 सालों से तैयार किया जा रहा है.2019 तक ही पटरी पर लाया जा सकेगा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएजी ने इस सबके पीछे रक्षा मंत्रालय और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को जिम्मेदार बताया है. उसका मानना है इन दोनों की हीलाहवाली की वजह से आज भारतीय थलसेना की यह हालत है. जिसको पटरी पर लाने के लिए अगर जमीनी स्तर से भरपूर कोशिश की जाए तो भी 2019 तक ही पटरी पर लाया जा सकेगा. इन हालातों के पीछे साफ है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड गोला बारूद की पूरी सप्लाई नहीं कर पा रहा है. जब बड़े पैमाने पर गोला बारूद सेना को मुहैया कराना ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का ही काम है. इस पर नजर रखने में रक्षा मंत्रालय की अहम भूमिका होना जरूरी है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh