अब से चंद महीनों पहले बड़े ज़ोर शोर से इंडियन बैडमिंटन लीग यानी आईबीएल का ऐलान किया गया था लेकिन इसको लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है.


एक तो बैडमिंटन के जानकारों से लेकर आइकन खिलाड़ियों जैसे ज्वाला गुट्टा, पी कश्यप, अश्विनी पोनप्पा तक को इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.दूसरे बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की इसमें कोई दिलचस्पी ही नज़र नहीं आ रही है और कई टॉप स्टार्स ने अब तक इसमें खेलने के लिए हामी नहीं भरी है.इस लीग का आयोजन इसी साल 20 जनवरी से 11 फरवरी तक होना था लेकिन भारतीय बैडमिंटन संघ की यह योजना कामयाब नही हो सकी.इसके बाद इस लीग के 24 जून से शुरू करने की घोषणा की गई लेकिन तब भी बात सिर्फ घोषणा तक ही रह गई.अब कहा जा रहा है कि आईबीएल यानी इंडियन बैडमिंटन लीग 14 से 31 अगस्त तक आयोजित की जाएगी.टीमेंआईपीएल की तर्ज पर प्रस्तावित इस लीग में हैदराबाद हॉटशाट्स, कर्नाटक किंग्स, लखनऊ वॉरियर्स, मुम्बई मास्टर्स, पुणे विजेता और राजधानी स्मैशर्स जैसी टीमें होंगी.


आईबीएल को विश्व में सबसे ज़्यादा पुरस्कार राशि वाला बैडमिंटन टूर्नामेंट माना जा रहा है.यह लीग भारत के छह शहरो मे आयोजित की जाएगी. हैदराबाद, बेंगलूर, लखनऊ, मुम्बई, पुणे और दिल्ली इन शहरो में शामिल है.आइकन खिलाड़ी

टीम में आइकन खिलाड़ी होने के नाते बाकी खिलाड़ियों के चयन में अपनी भूमिका को लेकर पी कश्यप उनका कहना है, "अभी तो स्थिति स्पष्ट नहीं है. जब सभी विदेशी खिलाड़ियों की स्थिति साफ हो जाएगी तभी कुछ कह सकूंगा."आईबीएल अगर इस बार अपनी तयशुदा तिथि को शुरू होती है तो इससे भारतीय खिलाड़ियो को तो यकीनन लाभ होगा, ऐसा मानना है साइना नेहवाल, ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा का.खबर ये भी है कि एक फ्रेंचाइजी दुनिया के सबसे बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी ले सकते है.अब लाख टके का सवाल यह है कि आइकन खिलाड़ियों के साथ-साथ बैडमिंटन के जानकारो के पास भी अभी तक आईबीएल को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नही है जो शायद टॉप विदेशी खिलाड़ियो के दूर रहने का कारण हो सकती है.इसके अलावा लगातार बदलती आयोजन तिथियों से शायद फ्रेंचाइजी के मालिकों के मन में भी कुछ संदेह हो. ऐसे में आईबीएल क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग और हॉकी की इंडियन हॉकी लीग की तरह कामयाब होगी या नही.और इसकी पहली कोशिश क्या रंग लाती है इसके लिए कम से कम 19 जुलाई तक इंतज़ार करना होगा. इसके बाद ही पता चलेगा कि दुनिया के कितने खिलाड़ी इसमे भाग ले रहे है और फ्रेंचाइजियों में कितना दम है.

अगर बार-बार तिथियाँ बदलती रही तो आईबीएल की साख पर शुरू होने से पहले संदेह तो रहेगा ही. उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत में क्रिकेट और हॉकी के बाद अब बैडमिंटन की दुनिया भी गुलज़ार होगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh