भारत की ओर से ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भेजी जाने वाली फ़िल्मों को लेकर विवाद होना अब कोई नई बात नहीं रह गई.


पिछले साल अगर लोगों ने 'बर्फ़ी' पर ऊंगली उठाई तो इस साल कुछ लोग इस बात से ख़फ़ा हैं कि 'लंच बॉक्स' के बजाए गुजराती फ़िल्म 'द गुड रोड' को ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक फ़िल्म के रुप में क्यों भेजा जा रहा है.बीबीसी ने बात की 'लंच बॉक्स' के निर्देशक रितेश बत्रा से और पूछा कि क्या उनकी फ़िल्म 'लंच बॉक्स' और ज्ञान कोरिया की फ़िल्म 'द गुड रोड' के बीच छिड़ गई है एक जंग. रितेश कहते हैं, ''जब भी कभी ऐसा कोई विवाद होता हैं तो फ़िल्मकारों को आगे कर दिया जाता है लेकिन वास्तव में यह सिस्टम की असफलता है. हमारी जूरी को इस बात की समझ ही नहीं है कि किस तरह की फ़िल्म को ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भेजा जाए.''अपार सफलता


लंच बॉक्स में इरफ़ान खान और नवाज़ूद्दीन सद्दीकी के बीच की केमिस्ट्री को बहुत पसंद किया जा रहा है

लंच बॉक्स का नुक़सान हुआ ये तो माना लेकिन दि गुड रोड का क्या नुक़सान हुआ है? बीबीसी के इस सवाल का जवाब देते हुए रितेश कहते हैं, ''ऑस्कर में फ़िल्म के लिए एक अभियान चलाना पड़ता हैं. हमारी फ़िल्म को सोनी पिक्चर्स ने ख़रीदा है और वो हमारे लिए ऑस्कर में अभियान चलाने के लिए भी तैयार थे. सोनी का रिकार्ड बहुत अच्छा रहा है. वो एक अमरीकी वितरक भी है. पिछले साल उन्होंने आमोर को प्रमोट किया था. आमोर ने ऑस्कर जीता. क्या एनएफ़डीसी द गुड रोड के लिए अभियान चलाएगा?''रितेश कहते हैं कि उनकी फ़िल्म भारत के लिए ऑस्कर जीत सकती थी लेकिन उन्हें आगे नहीं जाने दिया.रितेश को जूरी से भले ही कितनी ही शिकायत क्यों न हो लेकिन वो ये बात स्वीकारते ज़रा नहीं हिचके कि ज्ञान कोरिया की फ़िल्म द गुड रोड एक बहुत ही अच्छी फ़िल्म है.ऑस्कर की ज़रूरतलंच बॉक्स को समीक्षकों और दर्शकों दोनों का ही प्यार मिल रहा है.रितेश बत्रा ये मानते हैं कि भारत को ऑस्कर की ज़रूरत है. रितेश कि इस सोच के पीछे कोई ख़ास वजह?इस सवाल का जवाब देते हुए रितेश कहते हैं, ''कुछ लोग सोचते हैं कि हमें ऑस्कर जैसे किसी पुरस्कार की ज़रूरत नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि भारत को ऑस्कर की ज़रूरत इसलिए है ताकि हमारी फ़िल्मों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार खुले.''

वो कहते हैं, ''आर्जनटीना में बनने वाली फ़िल्मों के साथ ठीक यही हुआ. उनकी एक फ़िल्म ने जब ऑस्कर जीता तो उनकी फ़िल्में विश्व भर में जाने लगी.''

Posted By: Satyendra Kumar Singh