नैरोबी के वेस्टगेट मॉल में शनिवार के हमले के बाद से कीनिया की राजधानी में एक अजीब सी ख़ामोशी है. अफ़्रीक़ी मूल के लोगों के साथ-साथ भारतीय मूल के लोगों के चेहरे भी बुझे और लटके हुए दिखते हैं.


हालांकि सरकार की तरफ़ से कई बार कड़े सुरक्षा इंतज़ाम का भरोसा दिलाया गया है, लेकिन इसका कुछ ख़ास असर नहीं हुआ है.वेस्टगेट मॉल से सिर्फ़ पांच मिनट की दूरी पर 'मिनी-भारत' कहलाने वाला डायमंड प्लाज़ा है.प्रवेश करते ही हर भारतीय चीज़ नज़र आ जाती है, चाहे वो खाने-पीने की हो या फिर पहनने-ओढ़ने की.ज़्यादातर दुकानें भी भारतीय मूल के कीनियाई नागरिकों की हैं.ख़ौफ़ केसाए में वेस्टलैंड्स नामक इस इलाक़े में अस्पताल से लेकर स्कूलों तक के नाम भारतीय हैं.कई ऐसे घर या बंगले भी दिखे, जिनकी चारदीवारियों पर ताज़ातरीन कंटीले तार लगे हैं और शाम के बाद इनमें करंट दौड़ता है.


यहां किस क़दर डर का साया है ये इसी से ज़ाहिर हो जाता है कि सड़क पर जा रहा कोई भारतीय मूल का व्यक्ति जब कैमरा या माइक देखता है तो अपनी रफ़्तार तेज़ कर देता है.शाम पांच बजे से पहले ही कीनिया की राजधानी के सबसे महंगे कहे जाने वाले इस इलाक़े की दुकानें बंद हो चुकी होती हैं और सड़कें वीरान.

शायद ये माहौल इसलिए भी बना है क्योंकि वेस्टगेट मॉल के इर्द-गिर्द ज़्यादातर घर भी भारतीयों के हैं और उन्होंने कई दिनों तक गोलियों की आवाजें और घायलों की चीख़-पुकार नज़दीक से सुनी-देखी है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh