GORAKHPUR : सहवाग युवराज जहीर गंभीर के बिना वल्र्ड कप 2015 जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं होगा. इंडिया के पिच पर शानदार परफॉर्म कर टीम में जगह बनाने वाले नए खिलाडिय़ों को विदेशी पिच पर खेलना तो दूर टिकना भी सीखना होगी. ये चार धुरंधर वल्र्ड क्लास खिलाड़ी है. पुजारा कोहली के भरोसे धौनी टीम को वल्र्ड चैंपियन नहीं बना सकते. यह बात सिटी आए एक्स रणजी प्लेयर और डीडीसीए के कोच रहे विजय बहादुर मिश्रा ने कही. एक प्रोग्राम में आए विजय बहादुर ने अपने बिजी शेड्यूल से कुछ टाइम निकाल कर आई नेक्स्ट से क्रिकेट की बारीकियों के बारे में शेयर किया. विजय बहादुर ने बड़ा स्टेट होने के बावजूद यूपी से कम निकल रहे टैलेंट के बारे में भी चर्चा की.


टैलेंट होने के बावजूद यूपी के खिलाड़ी अदर स्टेट में खेल रहे हैं। क्यों?-यूपी बड़ा स्टेट है। मगर टीम एक। मतलब एक बार में सिर्फ 16 खिलाडिय़ों को मौका मिलेगा। इसके चलते टैलेंट यूपी से बाहर निकल कर अदर स्टेट में परफॉर्म कर रहे है। क्या यूपी में एक टीम पर्याप्त है?-बिल्कुल नहीं। कम से कम यूपी में दो टीम होनी चाहिए। जैसे महाराष्ट्र में तीन है, गुजरात और आंध्र प्रदेश में दो-दो। इससे स्टेट लेवल पर भी मुकाबला होगा और अधिक खिलाडिय़ों को खेलने का मौका मिलेगा। टैलेंट होने के बावजूद यूपी बिछड़ा है। क्यों?-दिल्ली की लीग में 840 मैच खेले जाते है। जबकि यूपी में मैच काफी कम होते है। यूपी एसोसिएशन के पास अपना कोई ग्राउंड भी नहीं है। साथ ही एसोसिएशन पूरी तरह से सिर्फ कानपुर, मेरठ और गाजियाबाद में सिमट कर रह गया है।


न्यूजीलैंड में इंडिया की परफार्मेंस खराब रही। क्यों?

-न्यूजीलैंड में इंडिया टीम से कई गलती हुई। अश्विन को विकेट न मिलने की कंडीशन पर अमित मिश्रा को खिलाना चाहिए। पुजारा को जरूर मौका मिलना चाहिए था। जहीर अगर टेस्ट में 25 ओवर कर सकते है तो वनडे में भी 10 ओवर करा सकते है। लोकल मैच में अच्छी परफार्म करने के बावजूद वहां क्यों फ्लॉप हो गए?

-न्यूजीलैंड दौरे पर गए सभी खिलाड़ी फार्म में थे। मगर वे विदेशी पिचों पर इंडियन स्टाइल में खेल रहे थे। इंडिया में बाल नीची आती है, मगर विदेशों में उछाल अच्छी रहती है। इससे वे कैच दे रहे थे।आपने कितने रणजी मैच खेले है?मैंने 1988 में मुंबई में अंडर-19 कैंप किया था। यह कैंप पाकिस्तान टूर के लिए लगा था। कैंप में मेरे साथ सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, नयन मोंगिया, विनोद कांबली, अजय जडेजा, रंजीत बिस्वाल, ज्ञानेंद्र पांडेय और आशीष विस्टन जैदी भी थे। मैैं दिल्ली की रणजी टीम में 1988 से 1991 तक रहा। रेलवे और बैैंक की ओर से भी खेला।क्या सहवाग, गंभीर की तरह शिखर भी अच्छे ओपनर साबित होंगे?-बिल्कुल। मैं जब अंडर-16 टीम का सेलेक्टर था, तब शिखर दिल्ली टीम का कैप्टन था। वह बहुत अच्छा बैट्समैन है। मैं जब अंडर-17 टीम का कोच हुआ तो दिल्ली चैंपियन बनी थी,। तब दिल्ली टीम का कैप्टन एक्स रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद यादव का बेटा तेजस्वी प्रसाद यादव कैप्टन था। नाम - विजय बहादुर मिश्रा1988 - सचिन तेंदुलकर के साथ मुंबई में अंडर-19 कैंप1988-91 - दिल्ली रणजी2001 - अंडर-16 दिल्ली के सेलेक्टर2007 - अंडर-17 दिल्ली के कोच
2003-13 - दिल्ली स्पोट्र्स वर्किंग कमेटी के मेंबर2009-10 - फिरोजशाह कोटला के पिच क्यूरेटर

Posted By: Inextlive