ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन से हटने के बाद की आव्रजन नीति तैयार की है। इसके तहत कुशल भारतीय कामगारों की संख्या पर भी कोई पाबंदी नहीं होगी।

नई दिल्ली (पीटीआई)। यूरोपीय यूनियन से अगल होने के बाद ब्रिटेन के दरवाजे श्रेष्ठ एवं प्रतिभाशाली भारतीयों के लिए खुल जाएंगे। ब्रिटेन के एक मंत्री ने बुधवार को यह बात कही। 2021 से प्रभाव में आने वाली ब्रिटेन की नई वीजा एवं आव्रजन नीति में विदेशी प्रतिभाशाली कर्मचारियों की संख्या पर कोई पाबंदी भी नहीं होगी। इससे साफ है कि प्रतिभाशाली भारतीयों के लिए भी ब्रिटेन के दरवाजे खुलेंगे।
प्रतिभाशाली नागरिकों की संख्या पर किसी तरह की रोक नहीं
नई आव्रजन नीति पर भारत सरकार के साथ बातचीत करने के लिए आए ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि उनका देश भारत के साथ फ्रांस की तरह ही समझौता करना चाहता है। इसके तहत दोनों देश उच्च शिक्षा और नौकरियों के लिए एक-दूसरे के यहां के शैक्षिक डिग्री को समान मान्यता प्रदान करते हैं। ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री कैरोलिन नोक्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नई नीति में दुनिया के किसी भी देश से आने वाले प्रतिभाशाली नागरिकों की संख्या पर किसी तरह की रोक नहीं होगी।

ब्रिटेन विभिन्न देशों संग बेहतर संबंध स्थापित करना चाहता

नई आव्रजन और वीजा नीति को पिछले महीने ब्रिटिश संसद में पेश किया गया था। ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा मंत्री के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन दुनिया के विभिन्न देशों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना चाहता है। इसी कड़ी में ब्रिटेन के मंत्री और अधिकारी भारत के दौरे पर आए हैं। बयान के मुताबिक दुनिया के अन्य देशों की तुलना में ब्रिटेन पहले ही कुशल भारतीय कामगारों के लिए ज्यादा संख्या में वीजा जारी करता रहा है।

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Posted By: Shweta Mishra