कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च का सेंटर इंडिया था. इंडिया दुनिया में सबसे ज्यादा मिल्क प्रोड्यूस करता है और यहां पर दुनिया की सबसे ज्यादा मिल्क की खपत भी होती.


ब्रिटेन में हुए एक रिसर्च में पता चला है कि वे इंडियन और यूरोपीय जिन्होने लैक्टोज वाला दूध  पिया है एक खास इंसान से जुड़े हो सकते हैं. वह इंसान दस हजार सालों में कभी उस जगह रहा था. बता दें कि मिल्क में मौजूद नेचुरल शुगर को लैक्टोज कहते हैं.कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की टीम ने हैदराबाद की सीसीएमबी, यूसीएल, यूनिवर्सिटी ऑफ टार्टू, हार्वर्ड और चेन्नई यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के साथ मिलकर जेनेटिक चेंजेज को स्टडी किया.  पता चला है कि इन चेंजेज से करीब 32 पर्सेंट पापुलेशन लैक्टेज एंजाइम की ओर परसिस्टेंट हो गई है. यह मिल्क में मौजूद लैक्टोज को पचा लेती है.
रिसर्च में यह भी पता चला कि ऐसा ही चेंज, एक मूल के यूरोप और इंडिया के लोगों में बहुत ज्यादा था. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च का सेंटर इंडिया था. इंडिया दुनिया में सबसे ज्यादा मिल्क प्रोड्यूस करता है और यहां पर दुनिया की सबसे ज्यादा मिल्क की खपत भी होती. माना जा रहा है कि इस रिसर्च से साइंटिस्ट इंसानी डेवलपमेंट को समझ सकेगा. साइंटिस्ट्स के मुताबिक इस रिसर्च से यह भी पता चला है कि नेचर के थोड़े बदलावों से भी जीन काफी बड़े एरिया में दूर तक तेजी से फैल सकते हैं.

Posted By: Divyanshu Bhard