देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी रही इंफोसिस को बुरे दिनों से उबारने के लिए कंपनी के फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति ने सुधारों की योजना तैयार कर ली है.


रिटायरमेंट के बाद फिर से चेयरमैन पद पर लौटे मूर्ति का कहना है कि उम्मीदों पर खरी उतरने वाली इंफोसिस के कायापलट में कम से कम 3 साल का टाइम लगेगा. इस दौरान दर्द देने वाले कई सख्त कदम भी उठाने पड़ेंगे. उन्होंने अगले तीन साल तक चलने वाले इस प्रॉसेस में शेयर होल्डर्स से उनका सहयोग और समर्थन मांगा है. इंफोसिस के शेयरहोल्डर की सैटरडे को 32वीं एनुअल मीट में मूर्ति ने कहा कि कंपनी की चुनौती काफी गंभीर और काम बेहद कठिन है. बेहतर क्षमताओं वाली टीम और कंपनी के हर कर्मचारी के समर्पण के बावजूद सुधार में वक्त लगेगा. अपने कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.


तेजी से और सख्त निर्णय लेने पड़ेंगे. इन पर अमल में और भी चुस्ती और फुर्ती दिखानी होगी, ताकि इनवेस्टर और कस्टमर की उम्मीदों से आगे रहा जा सके. बैठक में सीईओ एसडी शिबुलाल ने कहा कि कंपनी की परफॉर्मेंस हमारी और बिजनेस दोनों की उम्मीदों से कम रहा है. वैसे, कारोबारी माहौल कई चुनौतियां केवल इंफोसिस पर असर डालने वाली रहीं.

कंपनी में वापस आए मूर्ति ने बेटे रोहन मूर्ति को भी अपना एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट बनाया है. मूर्ति ने अपनी योजना को लेकर कहा कि कंपनी पिछले साल में सुस्त पड़ी कमाई वाली आउटसोर्सिंग परियोजनाओं पर अपना फोकस बढ़ाएगी. इससे अगले तीन से पांच साल तक कंपनी बड़े आउटसोर्सिंग सौदों की संख्या बढ़ेगी. बड़े स्केल के कारोबार पर ज्यादा ध्यान देने से कंपनी को मुनाफा होगा.

Posted By: Garima Shukla