RANCHI: रिम्स में गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन देने के बाद मामला गरमा गया है। वहीं फोटो से भी यह साफ हो गया है कि मरीजों को वह इंजेक्शन देने का काम करता था। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन अनजान बन रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि हादसों के बाद ही रिम्स प्रबंधन की नींद क्यों खुलती है। बताते चलें कि रविवार को कमला देवी के परिजनों ने गार्ड पर आरोप लगाया था कि उसी ने इंजेक्शन दिया और मरीज की मौत हो गई।

गार्ड का आरोपों से इनकार

सोमवार को सुबह डिप्टी डायरेक्टर गिरजा शंकर प्रसाद और सुपरिंटेंडेंट डॉ। विवेक कश्यप ने आरोपी गार्ड को बुलाकर पूछताछ की। गार्ड ने पहले बताया कि मरीज सीरियस नहीं थी। थोड़ी देर बाद बताया कि उसे आक्सीजन भी लगा हुआ था। लेकिन उसने इंजेक्शन नहीं लगाया। कमला देवी को ड्यूटी नर्स इंजेक्शन लगाने जा रही थी। इस बीच उसकी स्लाइन खत्म हो गई तो सीरिंज मुझे पकड़ा कर वह एनएस लाने चली गई। इसी बीच किसी ने उसकी फोटो खींच ली होगी।

कचरा हटाने पर हुआ था विवाद

आरोपी गार्ड ने बताया कि दो दिन पहले बेड के पास से कचरा हटाने को लेकर मरीज के परिजनों ने विवाद शुरू कर दिया था। वहीं उसे फटकार भी लगाई थी। रविवार को जब वह ड्यूटी पर पहुंचा तो मरीज की मौत हो चुकी थी। इसके बाद परिजन भी चीख रहे थे। इस बीच गार्ड को परिजनों ने जमकर पीट दिया।

ड्यूटी नर्स ने भी दी अपनी सफाई

रविवार को दोपहर में ड्यूटी पर तैनात नर्स को भी बुलाकर अधिकारियों ने पूछताछ की। इस दौरान नर्स ने बताया कि पीजी डॉक्टर मरीज को देखने आए थे। उन्होंने कुछ इंजेक्शन और दवाइयां देने के लिए प्रेस्क्राइब किया। इसके बाद नर्स ने डॉक्टरों के निर्देशानुसार मरीज को दवाइयां और इंजेक्शन दिया।

वर्जन

मामले की छानबीन की जा रही है। वार्ड में जाकर भी हमने जानकारी ली है। इसके अलावा गार्ड और नर्स से पूछताछ के बाद रिपोर्ट बनाई जा रही है। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

डॉ.विवेक कश्यप, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स

Posted By: Inextlive