इंस्पायर साइंस कैंप में छात्रों को मिली उपयोगी जानकारियां

द्वितीय विश्व युद्ध में जब अचानक साबुन का अकाल पड़ गया तो अपने वैज्ञानिकों को हिटलर ने सैनिकों के कपड़े धोने के लिए यौगिक बनाने को कहा। खारे और मीठे पानी के मिश्रण से तैयार इस यौगिक को आज हम डिटर्जेन्ट पाउडर के नाम से जानते हैं। टूथपेस्ट में भी डिटर्जेन्ट पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसका भी उदाहरण है। यह जानकारी शनिवार को बीबीएस कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में विज्ञान एवं तकनीकी विभाग भारत सरकार द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय इंस्पायर साइंस कैम्प के आखिरी दिन चीफ गेस्ट आईआईटी खड़गपुर के प्रो। ताराशंकर पाल ने दी।

बताया क्या होता है नैनो कण

प्रथम सत्र में प्रो पाल ने धातु एवं धातु के आक्साइड के बारे में विभिन्न परिकल्पनाओं का उल्लेख किया जिनसे नैनों कणों का बनाना सम्भव हो सकता है। बताया कि नैनो कण हमारे अत्यधिक काम के हैं। इनके उपयोग से हम अपने रसोई घर, फ्रिज आदि को हमेशा साफ -सुथरा रख सकते हैं। नैनो कणों का समुचित प्रयोग पदार्थ की आवश्यकता को सैकड़ों गुना कम कर देता है। यह दवाओं जैसे पैरासिटामाल एवं सुगन्धित अमिनो एसिड का उत्पादन अधिक मात्रा में और पर्यावरण के अनुकूल करने में सक्षम है। नैनो पार्टिकल्स के उपयोग से बने सेमीकन्डक्टर, प्रदूषण नियत्रंण के लिए अत्यधिक प्रभावी होंगे।

बेहतर को मिला पुरस्कार

समारोह के अंत में प्रतिभागी स्कूलों के प्रबन्धक/प्रधानाचायरें को स्मृति चिन्ह प्रबन्धन मण्डल के उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, कुलदीप सिंह, कृपाराम मिश्रा ने प्रदान किया। इस मौके पर हुई निबन्ध प्रतियोगिता में नारायणी आश्रम से सौम्या शुक्ला प्रथम, गंगागुरूकुल के आदर्श केशरवानी दूसरे और बीबीएस इण्टर कालेज के शिवम सिंह तीसरे स्थान पर रहे। इन्हें प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार दिया गया। एसएमएमपीएस के आदर्श पाण्डेय ने लर्निग को आडियंस से शेयर किया।

Posted By: Inextlive