कर्नल सांडर्स एक ऐसे इंसान जो जीवनभर संघर्ष करते रहे और अपने अंतिम दिनों में सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की जो किसी सपने के सच होने जैसा है। जब वे 5 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया। कक्षा 7 में ही उनको स्कूल छोडना पड़ा। उसके बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली तो सांडर्स घर से भाग गए।

कर्नल सांडर्स, एक ऐसे इंसान, जो जीवनभर संघर्ष करते रहे और अपने अंतिम दिनों में सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की जो किसी सपने के सच होने जैसा है। जब वे 5 साल के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया। कक्षा 7 में ही उनको स्कूल छोडना पड़ा। उसके बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली तो सांडर्स घर से भाग गए।

4 नौकरियों से निकाला गया, बीवी छोड़कर चली गई

17 साल की उम्र तक उन्हें 4 नौकरियों से निकाला जा चुका था। 18 साल की उम्र में शादी हो गई। 18 से 22 वर्ष की आयु त कंडक्टर की नौकरी की। वहां से भी निकाल दिया गया। 19 साल की उम्र में पिता बने। 20 साल की उम्र में पत्नी उन्हें छोडक़र चली गईं और बच्ची को भी साथ ले गईं। इसके बाद एक होटल में बावर्ची का काम किया। 65 साल की उम्र में रिटायर हो गए।

अपनी हॉबी को बनाया बिजनेस मॉडल


कर्नल सैंडर्स का अपना छोटा-सा बिजनेस था, जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन वहां हाइवे बनने के कारण इनका बिजनेस बिल्कुल बंद हो गया। अब उनकी उम्र लगभग 65 वर्ष हो चुकी थी और खोने के लिए उनके  पास कुछ नहीं बचा था। वो शानदार कुक थे। उन्हें चिकन बनाना पसंद था और वे चिकन पर अलग-अलग एक्सपेरिमेंट्स करते थे। वो चिकन बनाने के प्रयोग की मार्केटिंग करने निकल पड़े, लेकिन ज्यादातर लोगों ने नकार  दिया।

1009 बार नकारे गए, फिर 120 देशों में खड़ा किया कारोबार


एक हजार नौ बार रिजेक्ट होने के बाद उनको उनकी पहली हां मिली। इसके बाद उन्होंने अपने चिकन प्रयोग के  साथ ऐसा बिजनस खड़ा किया, जो आज 120 देशों में है, 18000 से ज्यादा केएफसी (केंटुकी फ्राइड चिकन) के रेस्तरां। फ्रेंड्स इस दुनिया में नामुमकिन कुछ नहीं है और न ही कोई कार्य शुरू करने के लिए उम्र की सीमा है। कोई कार्य अगर सच्चे दिल से, ईमानदारी, मेहनत और लगन से किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है। अपने सपने या हुनर को पहचानिए और उसे पूरा करने की शुरुआत कर दीजिए। तब तक प्रयास करते रहिए, जब तक सफलता न मिल जाए।

काम की बात

1-    किसी काम की शुरुआत के लिए कोई तय उम्र नहीं होती। अपना काम भी शुरू किया जा सकता है।

2-    ईमानदारी और मेहनत से किए गए हर काम में सफलता जरूर मिलती है। बस हिम्मत नहीं हारना है।

 

इन दो कहानियों में छिपा है सफलता का सबसे बड़ा राज, आप क्या हैं हाथी या भौंरा?

तो इस कारण लक्ष्य से भटक जाते हैं हम, नहीं मिलती मनचाही सफलता

Posted By: Kartikeya Tiwari