- बुकिंग विंडो से लेकर रेलवे स्टेशन परिसर में रहती है दलालों की चहलकदमी

- सीट कंफर्म कराने के लिए लेते हैं मुंहमांगी रकम

- रात से सुबह तक के बीच में हो जाता है पूरा खेल

Meerut : रेलवे की आरक्षण सेवा पूरी तरह दलालों के हवाले हो गई है। तत्काल सेवा हो या सामान्य आरक्षण, हर सेवा पर दलाल के चंगुल में है। अब तत्काल टिकट हो ही ले लीजिए, रेलवे ने तत्काल टिकट को दो दिन पहले की बजाय एक दिन पहले किया था। टिकट के लिए आईडी की फोटोकॉपी देने का नियम भी बनाया, लेकिन दलालों का कब्जा कायम है। होली पर सभी ट्रेन फुल होने से लोगों के पास तत्काल का ही सहारा रह गया है। दलाल यात्री से एक टिकट पर एक हजार रुपये तक फालतू चार्ज करते हैं। इस मोटी कमाई का हिस्सा कहां जाता है, दलालों की बनाई लिस्ट आरपीएफ के हाथ में होने से साफ हो जाता है। दलाल अपने गुर्गे को डेढ़ सौ से दो सौ रुपये तक देते हैं।

होती है पूरी मिलीभगत

रोज सवा नौ बजते ही आरपीएफ कांस्टेबल हाथ में नाम लिखी लिस्ट लेकर आता है और तत्काल वालों को आवाज लगाता है। चंद सेकंड में काउंटर में लगी भीड़ उसके पास पहुंच जाती है। कांस्टेबल लिस्ट में लिखे नाम बोलकर चार लाइन लगवाता है। रिजर्वेशन करा रहे लोगों को रिजर्वेशन खिड़कियों से हटाकर तत्काल वाली लाइनों को लगवा दिया जाता है। कई लोग सबसे आगे खड़े लोगों के दलाल होने और रोजाना टिकट कराने की शिकायत आरपीएफ सिपाहियों से करते हैं। लेकिन सिपाही अनसुना कर देते हैं।

दलालों का राज

रात होते ही पीआरएस के चैनल गेट के बाहर दलालों और उनके गुर्गो का कब्जा हो जाता है। जब आम लोग टिकट को जाते हैं तो उन्हें एक लिस्ट दी जाती है, जिस पर 20 से 25 नाम पहले से ही लिखे होते हैं। इसके बाद ही उनका नंबर लिखा जाता है। सुबह साढ़े नौ बजे तक यह लिस्ट 100 से भी ज्यादा नामों से भर जाती है।

रात 9 बजे आने पर भी 25वां नंबर आया

यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे राकेश ने बताया कि उन्हें लखनऊ का टिकट लेना था। सोमवार सुबह पांच बजे आए थे। नंबर 84वां होने से टिकट नहीं मिला था। वह मंगलवार रात 9 बजे आया। उस समय यहां पर पांच छह लोग थे। उन्होंने लिस्ट दी तो उस पर 24 नाम पहले लिखे थे। उनका 25वां नंबर था।

महिलाओं को भी परेशानी

मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही आयुषी ने बताया कि उसे गोरखपुर का टिकट लेना है। सुबह पांच बजे आई थी। महिलाओं की लिस्ट में उसका पहला नंबर था। विनीता सात बजे आई तो उसे दूसरा नंबर मिला। दिव्या पौने आठ बजे आई तो उसे तीसरा नंबर मिला।

वर्जन

पीआरएस पर दलालों का कब्जा होना काफी गंभीर है। वे इसकी सूचना विजीलेंस अधिकारियों को देंगे। दलालों को बख्शा नहीं जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- एएस नेगी, सीपीआरओ नार्दन रेलवे

Posted By: Inextlive