- इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में अविश्वसनीय परिवर्तन

- लोग खुद से फॉलो करने लगे ट्रैफिक रूल्स, नई व्यवस्था देखकर हैरान होने के साथ लोगों में खुशी

KANPUR। बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम, जगह-जगह जाम, ट्रैफिक रूल्स को ठेंगा दिखाते वाहन चालककुछ ऐसी ही है कानपुर के ट्रैफिक की पहचान। आबादी का बोझ बढ़ने और लगातार सड़कों पर बढ़ते वाहनों से साल दर साल शहर का ट्रैफिक सिस्टम ध्वस्त होता जा रहा था, ऐसे में इस बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती, जिसे सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल की। शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए 'स्पेशल प्लान' बनाया। प्लान के तहत काम शुरू हुआ तो धीरे-धीरे 'सूरत' बदलने लगी। लेकिन, कोई भी प्लान या योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक वहां की पब्लिक अवेयर न हो। अवेयरनेस को बढ़ाने में हमारा भी योगदान होना चाहिए। ऐसे में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट आज से ट्रैफिक पुलिस, प्रशासन और उन सभी विभागों के साथ कदम से कदम मिलाकर सिस्टम को दुरस्त करने के लिए 'बदलेंगे हम, सुधरेगा ट्रैफिक' अभियान शुरू कर रहा है। जिसके जरिए हम कानपुराइट्स का अवेयर करने के साथ ही सिस्टम में अगर कोई खामी मिलेगी तो उस ओर भी जिम्मेदार विभाग का ध्यान लेकर जाएंगे। आज पहले दिन हम बता रहे हैं कि पिछले डेढ़ सालों में सिस्टम को सुधारने के लिए क्या-क्या प्रयास किए गए।

-------------------------

शहर की की जर्जर होती जा रही ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने का फैसला किया गया। जिसके तहत शहर के 68 चौराहों को अत्याधुनिक सेंसरयुक्त ट्रैफिक सिगनलिंग सिस्टम और हाई रेज्योलूसन वाले सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की तैयारी शुरू हुई। सिस्टम को तैयार करने की जिम्मेदारी केडीए को सौंपी गई। लगभग दो साल तक काम होने के बाद सिस्टम बनकर तैयार हुआ। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को 2 मई से पूर्ण रूप से शुरू कर दिया गया है। जिसके एक सप्ताह बाद ही कानपुर की यातायात व्यवस्था में अविश्वसनीय बदलाव देखने को मिला है। मजबूरी में ही सही लेकिन कानपुराइट्स को यातायात नियमों के आधार पर चलना आ गया है। जो जल्द ही आदत भी बन जाएगी।

32 करोड़ा रुपए का था यह प्रोजेक्ट

एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार ने बताया कि शहर के 68 चौराहों को इंट्राग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस करने का प्रोजेक्ट 32 करोड़ रुपये का था। जिसमें केडीए ने ने चिन्हित चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे, सिग्नल, रेड लाइट सिग्नल, डिवाइडर , कैट आई के साथ ट्रैफिक लाइन में एक कंट्रोल रूम भी तैयार किया है। जिसे हाल ही में ट्रैफिक विभाग को हैंडओवर किया गया है। इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम से लैस चौराहों को कंट्रोल रूम से कनेक्ट कर दिया गया। यानि इस अत्याधुनिक ट्रैफिक कंट्रोल रूम से पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित किया जाता सकता है। चौराहों पर ट्रैफिक की स्थिति को भी स्पष्ट तौर पर मॉनीटर किया जा सकता है।

क्या है इंट्राग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

अधिकारियों के मुताबिक इंट्राग्रेटेड टै्रफिक मैनेजमेंट सिस्टम मतलब 'एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली' है। इस योजना के तहत शहर में ऐसी परिवहन प्रणाली स्थापित की गई। जिसमें ऑटोमैटिक सिग्नल कंट्रोल सिस्टम, पैदल यात्रियों के लिए अलग सिग्नल सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम, ओवर स्पीड सेंसर, से चौराहे लैस होंगे। यह सिस्टम ऑटोमैटिक काम करता है। रेड लाइन जंप करने वालों का ऑटौमैटिक चालान भी हो जाता है। ऐसे वाहन की फोटो अपने आप क्लिक होकर कंट्रोल रूप पहुंच जाती है जिसके बाद चालान को वाहन मालिक के घर भेज दिया जाता है।

-----------

कानपुर समेत चुने गए थे यूपी के 12 जिले

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए योजना के प्रथम चरण में यूपी के 12 जिलों को चिन्हित किया गया था। जिसमें कानपुर भी था। इसके अलावा लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद और अलीगढ़ भी शामिल हैं।

आंकड़े

प्रोजेक्ट- इंट्राग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

32 करोड़ रुपये का बजट

68 चौराहों को जोड़ा गया

2 चौराहों में व्यवस्था शुरू

66 चौराहों की कंट्रोल रूम से निगरानी

18 महीनों में प्रोजेक्ट पूरा हुआ

--------------------

भले ही इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पूरी तरह से सिर्फ बड़ा चौराहा और विजय नगर क्रॉसिंग पर शुरू हुआ है लेकिन यहां की तस्वीर देखकर लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि इस शहर का ट्रैफिक ऐसा भी हो सकता है। जब से यह व्यवस्था लागू हुई है वाहन चालक स्वयं रेड लाइट पर निर्धारित जगह पर अपनी गाडि़यां रोककर सिग्नल ग्रीन होने का इंतजार करते हैं और इसके बाद ही अपनी गाड़ी आगे बढ़ाते हैं। लोग अचानक बदली इस व्यवस्था से हैरान के साथ खुश भी हैं। बोले, हर चौराहे पर यह सिस्टम लागू हो जाएगा तो शहर का ट्रैफिक अपनी आप ही पटरी पर आ जाएगा। इस नई व्यवस्था पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने वाहन चालकों से बात की और उनकी राय भी जानी।

Posted By: Inextlive