सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को दावा करते हुए कहा कि मणिपुर हमले में चीनी अधिकारियों का हाथ होने की आशंका है। उन्‍होंने कहा कि उल्‍फा उग्रवादियों की चीनी सेना के संपर्क में होने की खबर मिली है।


चीनी सेना ने कराया हमलासरकारी अधिकारियों ने मणिपुर में सेना के जवानों पर उल्फा उग्रवादियों के हमले में चीनी सेना के हाथ होने की आशंका जताई है। अधिकारियों ने कहा कि उल्फा कट्टरपंथी संगठन के चीफ परेश बरुओ को चीनी अधिकारियों से हमला करने का संदेश मिला था। इसी आदेश की बदौलत उल्फा उग्रवादियों ने सीजफायर के बावजूद भारतीय सेना से हमला बोल दिया। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि बरुआ ने पीएलए के आदेश पर ही NSCN (K) के चेयरमैन खापलांग को भारत सरकार के साथ सीजफायर एग्रीमेंट तोड़ने के लिए तैयार कर लिया। फिलहाल बरुआ चीन में है और खापलांग म्यांमार में रह रहा है। मयांमार से आते हैं हथियार
खुफिया जानकारी के अनुसार चीनी सेना का एक पूर्व अफसर मुक यैन पाउ हुआंग म्यांमार में एक अवैध हथियारों की फैक्ट्री चला रहा है। यह कंपनी बर्मा की कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता तिन यिंग ने खोला था और अब इस फैक्ट्री से म्यांमार और भारत के उग्रवादियों को हथियार बैचे जा रहे हैं। ज्ञात हो कि मणिपुर में भारतीय सेना पर भी NSCN (K) ने इन्हीं हथियारों से हमला किया था।

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Posted By: Prabha Punj Mishra