झारखंड हजारीबाग के बुलू इमाम और छत्तीसगढ़ के विनायक सेन को गांधी फाउंडेशन इंटरनेशनल पीस अवार्ड 2011 दिया जाएगा. ये अवार्ड ब्रिटेन में हाउस ऑफ लाड्र्स में आयोजित समारोह में 12 जून को मिलेगा. इस संबंध में दोनों को व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा जाएगा. वहीं गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार दोनों को इंटरनेशनल पीस प्राइज ह्यïूमैनिटेरियन वर्क और नन वॉयलेंस की प्रैक्टिस के लिए दिया जा रहा है.


प्रचार-प्रसार के लिए अवार्डफाउंडेशन व्यक्ति विशेष या ग्र्रुप को हर वर्ष उनके कामों के अनुसार गांधी के दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए अवार्ड देता है। इसके पीछे उद्देश्य, ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करना है, जिन्होंने जीवनभर गांधी के विचारों के लिए काम तो किया, लेकिन उन्हें इसके लिए खास पहचान नहीं मिली। शाम में आयोजित होनेवाले समारोह की अध्यक्षता लॉर्ड भीखू पारिख  करेंगे। श्री पारिख ने पॉलिटिकल फिलॉसफी पर कई किताबें लिखी हैैं, जिसमें गांधीवाद भी शामिल है। इन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

किए हैं कई उल्लेखनीय कार्य
बुलू इमाम को अपर दामोदर वैली में ओपेन कास्ट कोल माइन के कारण होनेवाले कोल माइंनिंग और एनवॉयरमेंटल डैमेज का नन वॉयलेंट तरीके से विरोध करने के लिए अवार्ड दिया जा रहा है। श्री इमाम ने कोल माइनिंग की कई खामियों को उजागर करने का काम किया है। इस कोल माइनिंग के चलते प्रागैतिहासिक रॉक आर्ट साइट्स इस्को, तेथांगी और सतपहर को हजारीबाग जिले में खतरा उत्पन्न हो गया था। इन्होंने हजारीबाग में 1992 में संस्कृति म्यूजियम शुरू किया, जहां झारखंड के ट्राइबल कल्चर को सुरक्षित रखने का प्रयास हो रहा है।

Posted By: Inextlive