RANCHI : जब कभी इनका मन करता है, यह रेड कलर के जेलिन एयरक्राफ्ट उड़ाने लगते हैं। कभी-कभी बच्चों को एयरमॉडलिंग की ट्रेनिंग देने लगते हैं, तो अगले ही पल अपने जानवर प्रेम की खातिर जंगल और पहाड़ों पर निकल पड़ते हैं। एयरक्राफ्ट, कार, बाइक से लेकर साइकिल की सवारी तक कर लेते हैं। भारी-भरकम शरीर होने के बावजूद अपने शौक को पूरा करने के लिए यह पूरा समय निकाल लेते हैं। हम बात कर रहे हैं झारखंड के प्रभारी चीफ सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती की। सजल चक्रवर्ती साल क्980 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। 'सजल दा' के नाम से अपने लोगों में फेमस झारखंड के यह ऑफिसर एक नहीं, बल्कि कई वजहों से हमेशा चर्चे में रहे हैं। इनकी पर्सनालिटी के एक नहीं, बल्कि कई पहलू हैं। तो आइए यहां हम आपको मिलवाते हैं प्रभारी चीफ सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती से।

बचपन से ही उड़ाना चाहता था एयरक्राफ्ट

सजल चक्रवर्ती कहते हैं- मुझे बचपन से एयरक्राफ्ट उड़ाने का शौक था। मेरे बड़े भाई एयरफोर्स में थे, जिनका असर मुझपर था। मुझे एयरमॉडलिंग का नशा था। सजल बताते हैं कि इसी कारण उन्होंने आईएएस बनने से पहले पायलट की ट्रेनिंग ली और इनके पास एयरक्राफ्ट उड़ाने का लाइसेंस है। सजल झारखंड के गिने-चुने आईएएस ऑफिसर्स में से एक हैं, जो एयरक्राफ्ट उड़ाते हैं। सजल चक्रवर्ती कभी एयरफोर्स में भी जाना चाहते थे, लेकिन बन गए आईएएस। आईएएस बनने के बाद भी वह हमेशा कुछ अलग काम करते रहे।

मैं जानवरों से बहुत प्यार करता हूं

सजल चक्रवर्ती रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास स्टेट हैंगर के अपने ऑफिस के ही एक रूम में रहते हैं। यहीं उन्होंने अपना आशियाना बना रखा है। उनके इस आशियाने में पहुंचनेवालों का स्वागत सबसे पहले खरगोश करते हैं। खरगोशों के लिए यहां पर स्पेशल छोटे-छोटे केज बनाए गए हैं। इन खरगोशों की देखभाल और दाना-पानी सजल चक्रवर्ती खुद अपने हाथों से करते हैं। यह पूछने पर कि जानवरों से आपको इतना प्रेम कैसे है, इसके जवाब में वह कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों और जानवरों से लगाव है। उनके घर में शुरू से ही जानवर पाला जाता रहा है। इसलिए, आज तक उनका इनके लिए प्रेम ि1जंदा है।

कुत्ते और बंदरों के कारण चचर्ा में थे

कंधे पर दो बंदर और आस-पास 8-क्0 कुत्तों की फौज। आईएएस ऑफसर सजल चक्रवर्ती की यह तस्वीर चार साल पहले काफी चर्चे में रही थी। कोकर स्थित अपने निजी घर में सजल चक्रवर्ती ने बंदरों के लिए केज बना रखा था। वहां पर वह पांच बंदरों को पाले हुए थे। लेकिन, इसकी शिकायत इनके पड़ोसियों ने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से की, जिसके कारण फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लोगों ने इन बंदरों को जब्त करके ओरमांझी जू में भेज दिया था।

पत्रकारिता भी की है सजल चक्रवर्ती ने

सजल चक्रवर्ती प्रभारी चीफ सेक्रेटरी बनकर आज भले ही पत्रकारों के तीखे सवालों का सामना कर रहे हैं, लेकिन कभी सजल चक्रवर्ती भी पत्रकार थे और उस जमाने में साइकिल से रिपोर्टिग किया करते थे। रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद उस दौरान इंग्लिश वीकली न्यूजपेपर न्यू रिपब्लिक में जर्नलिस्ट बन गए थे। यह उस दौर का चर्चित न्यूजपेपर था।

लीक से हटकर चलने में रखते हैं विश्वास

सजल चक्रवर्ती लीक से हटकर जिंदगी बिताने में यकीन रखते हैं। कंट्रोवर्सीज से उनका चोली-दामन का नाता रहा है, लेकिन सजल बिना किसी की परवाह किए अपनी तरह से जिंदगी जीने में यकीन रखते हैं। अपनी निजी जिंदगी में सजल चक्रवर्ती ने दो बार शादी की और दोनों बार असफल रहे। इसके बाद भी वह अकेले ही खुश होकर जिंदगी जी रहे हैं। सजल चक्रवर्ती कहते हैं- मैं आज में जीने में यकीन करता हूं। कल की परवाह नहीं करता। हमेशा खुश रहना और किसी को दुख नहीं पहुंचाना मेरी आदत है।

जिंदगी में हार नहीं मानता हूं

चारा घोटाले में सजल चक्रवर्ती का नाम आया था। इसके कारण वह कई साल तक सस्पेंडेड रहे। इसके बावजूद वह अदालत से बेदाग होकर निकले। सजल चक्रवर्ती कहते हैं- मुझसे कोई गलत काम नहीं करवा सकता। ब्यूरोक्रेसी में मुझे कई बार लोगों ने फंसाने और परेशान करने की कोशिश की, लेकिन मैं बिना हारे अपना काम ईमानदारी से करता रहा। आज मेरे माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। भाई और भाभी भी अब नहीं रहे। मैं अपने शौक को पूरा करते हुए जिंदगी जीने में यकीन करता हूं। इसके बाद मेरी दुनिया में कोई खालीपन नहीं है।

स्टेट हैंगर की बदली सूरत

सजल चक्रवर्ती जब झारखंड के सिविल एविएशन सेक्रेटरी बनाए गए थे, तो उन्होंने अपने काम से इस डिपार्टमेंट की सूरत बदलकर रख दी। स्टेट हैंगर में कई ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट और ग्लाइडर होने के बाद भी इनका कोई यूज नहीं हो रहा था। यह सब रखे-रखे खराब हो रहे थे। लेकिन, सजल चक्रवर्ती ने नई प्लानिंग की। बाबा धाम के लिए फ्लाइट से दर्शन और ग्लाइडर ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई। इसके साथ ही इन्हीं की पहल से झारखंड स्टेट हैंगर को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने नासा के दो ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट भी दिए, जिसका यूज पायलट ट्रेनिंग से लेकर दूसरे कामों में किया जाएगा।

Posted By: Inextlive