बैलेंस सीट में शामिल साढ़े नौ करोड़ का नहीं मिल रहा हिसाब

फीरोजाबाद : टीटीएसपी लगाने और पेयजल योजनाओं की मरम्मत के नाम पर हुए घोटाले की जांच अब अंतिम दौर में है। करीब पांच वर्ष की अवधि में जो अधिकारी जल निगम में तैनात रहे उनके साथ ही मौजूदा एक्सइएन भी फंसते नजर आ रहे हैं। वह बैलेंस सीट में दर्शाई जा रही साढ़े नौ करोड़ रुपये की धनराशि का ब्यौरा अभी तक जांच समिति को नहीं दे पाए हैं।

ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए शासन से जो भी धनराशि जल निगम को दी जाती रही, उसका लंबे समय तक दुरुपयोग होता रहा। जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनके मुताबिक दर्जनों टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट बिना लगाए ही करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया। वहीं सैंकड़ों टीटीएसपी अपनी मियाद पूरी होने से काफी पहले ही बंद हो गए। हालात ये हैं कि प्रति टीटीएसपी साढ़े सात लाख रुपये खर्च होने के बाद भी ग्रामीण जनता प्यासी है। ऐसा ही गोलमाल बड़ी पेयजल योजनाओं की मरम्मत में हुआ। बिना कोई काम कराए ठेकेदारों का भुगतान होने की बात जांच में सामने आई है। इन सब गड़बडि़यों के लिए जल निगम में तैनात रहे सभी तत्कालीन एक्सईएन, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को जिम्मेदार माना जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने ऐसे अधिकारियों की सूची भी मांग ली है। इस मामले में अब मौजूदा एक्सईएन के भी जांच के दायरे में आने के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल इस पूरे मामले की जांच में जल निगम के पास अब भी साढ़े नौ करोड़ रुपये होने की बात सामने आई है, लेकिन इतनी बड़ी धनराशि कहां और क्यों पड़ी हुई है? इसका ब्यौरा मौजूदा एक्सईएन बार बार मांगने के बाद भी जांच समिति को नहीं दे पाए हैं। वह ये नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर ये रकम किस खाते में पड़ी है। इस मामले में सीडीओ सुजीत कुमार का कहना है कि मामले की जांच अंतिम दौर में है। जल्द ही जांच में आए तथ्यों को उजागर किया जाएगा।

Posted By: Inextlive