सीबीआई के बाद इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ईडी ने भी बसपा सरकार के कार्यकाल में हुए एनआरएचएम यानी क‍ि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन घोटाले की जांच तेज कर दी है। खास बात यह है कि एनआरएचएम योजना के तहत अफसरों को करोड़ों रुपये कमीशन देने वाले दवा सप्लायर गिरीश मलिक को ईडी मुख्य आरोपी बनाने जा रही है।

दो मामलों की दाखिल होगी चार्जशीट
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लखनऊ। ध्यान रहे कि एनआरएचएम घोटाले का खुलासा करने के लिए सीबीआई ने गिरीश मलिक को सरकारी गवाह बनाया था। ईडी के सूत्रों की मानें तो गिरीश मलिक ने सीबीआई को दिए अपने बयानों में अफसरों को कमीशन देने की बात कबूली है जिससे यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करने के लिए मुफीद है। वहीं दूसरी ओर घोटाले के एक अन्य आरोपी सीनियर आईएएस प्रदीप शुक्ला को भी ईडी ने आगामी 25 मई को पूछताछ के लिए तलब कर लिया है। दरअसल ईडी एनआरएचएम से जुड़े आठ मामलों की जांच कर रही है। इनमें से दो मामलों में वह आरोपितों की संपत्तियों को अटैच करने के साथ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। अब ईडी ने एफआरयू व आईयूवी किट की सप्लाई और 134 जिला अस्पतालों के अपग्रेडेशन के काम में अंजाम दिए गये घोटाले की पड़ताल तेज कर दी है।
घोटाले से जुड़े सुराग पता लगाएगी
इन दोनों मामलों में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, नेहरू युवा केंद्र के पूर्व निदेशक डीके सिंह, सीएंडडीएस के पीके भूकेश व बीएन श्रीवास्तव, जल निगम के पीके जैन, दवा कंपनी सर्जिकॉन मेडिकल्स के नरेश ग्रोवर और गिरीश मलिक का दोस्त आरके सिंह आरोपी हैं। आरके सिंह को गिरीश मलिक की सिफारिश पर एनआरएचएम से जुड़े कई काम दिए गये थे। इन सभी के खिलाफ गाजियाबाद स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है। अब जल्द ही ईडी इन्हें तलब करने के बाद घोटाले से जुड़े सुराग पता लगाएगी और इनकी सारी चल-अचल संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई करेगी। तत्पश्चात इनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
संपत्तियों का सुराग लगाना शुरू
घोटाले की जांच पूरी करने के लिए ईडी ने आरोपितों की संपत्तियों का पता लगाना भी शुरू कर दिया है हालांकि बाबू सिंह कुशवाहा की करोड़ों रुपये की संपत्तियों को ईडी एनएचआरएच के पुराने मामलों में पहले ही अटैच कर चुकी है। अब उसके निशाने पर बाबू सिंह कुशवाहा और दिवंगत विधायक एवं घोटाले के आरोपी आरपी जायसवाल द्वारा घोटाले की रकम को खपाने के लिए बनाई गयी शेल कंपनियां है। वहीं दूसरी ओर आईएएस प्रदीप शुक्ला की संपत्तियों का भी ईडी गोपनीय तरीके से पता लगा रही है। इसकी जद में लखनऊ के एक नामचीन ज्वैलर्स और कॉलोनाइजर भी आ रहे है जिनकी भूमिका की पड़ताल भी की जानी है।

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Posted By: Shweta Mishra