राजधानी के 19 पावर सब स्टेशन में से मात्र चार ही हो पाया है चालू, बनी रहेगी पावर कट की समस्या

 

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PATNA : एक बार फिर से आपको गर्मी में पसीना बहाना होगा। पावर कट और ओवरलोड की समस्या से दो-चार होना होगा। क्योंकि 24 घंटे बिजली देने के मकसद के साथ पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाना था। यह कार्य धीमी गति से चल रहा है। दिसंबर, 2018 में पूरा होना था लेकिन इस आईपीडीएस प्रोजेक्ट की मियाद तीन महीने बढ़ाने के बाद भी काम अटका हुआ है। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे पेसू के इंजीनियरों का दावा है कि वे प्रोजेक्ट का काम दिए गए तीन महीने में पूरा कर लेंगे। जबकि अभी करीब 40 से 50 परसेंट काम शेष है। इस प्रोजेक्ट के आगे सरकारी प्रक्रिया की सुस्त चाल जिम्मेदार है।

 

प्रोजेक्ट से यह होगा बदलाव

इंटीग्रेडेट पावर डेवलपमेंट स्कीम यानि आईपीडीएस केन्द्र सरकार की प्रायोजित योजना है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत नए पावर सब स्टेशन की स्थापना, पावर केबल बिछाने, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफारमर आदि लगाने का काम शामिल है। यह काम समय पर पूरा नहीं होने से गर्मी में पीकआवर में लोड बढ़ने से पावर कट और क्वालिटी पावर नहीं मिलने की समस्या झेलनी पड़ेगी। इसके कारण एक बार फिर इनवर्टर और अन्य वैकल्पिक साधनों पर आम लोगों को निर्भर रहना होगा।

तो कैसे हो समय पर काम

किसी भी काम को शुरू करने के लिए संबंधित जमीन आवंटित होना जरूरी है। आईपीडीएस प्रोजेक्ट में समस्या यही है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुल 19 पावर सब स्टेशन बनाया जाना निर्धारित है। सभी पावर सब स्टेशन 20 एमवीए क्षमता के होंगे। फिलहाल चार पावर सब स्टेशन बनकर तैयार हैं। बाकी में कुछ पर काम हो रहा है या काम जल्द ही शुरू करने की बात कही जा रही है। केवल इस्ट जोन की बात करें तो यहां कुल नौ पावर सब स्टेशन में से तीन जमीन बहुत देर से मिलने के कारण लेट हो रहा है। इसमें करबिगहिया, राजकीय महिला विद्यालय, गायघाट और गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल शामिल है। दिसंबर, 2018 में इसके लिए जमीन आवंटित की गई। इसलिए लेट होने की बात कही जा रही है।

 

दो डिवीजन में होना है काम

प्रोजेक्ट का काम दो डिवीजन में बंटा है। पेसू ईस्ट और पेसू वेस्ट। दोनों में कई काम शेष बचा है। सबसे बड़ी समस्या पावर सब स्टेशन चालू होने की है। पेसू ईस्ट में 20 एमवीए के नौ पावर सब स्टेशन के लक्ष्य में मात्र दो ही चालू हो पाया है। इसी प्रकार, वेस्ट में भी दस पावर सब स्टेशन में से मात्र दो ही चालू हो पाया है।

 

184 किलोमीटर में मात्र 64.5 किलोमीटर तक ही बिछा केबल

ईस्ट और वेस्ट डिवीजन मिलाकर कुल 184 किलोमीटर केबल बिछाया जाना था। जबकि अभी वेस्ट में 100 किलोमीटर में से 60 किलोमीटर और ईस्ट के 84 किलोमीटर में से मात्र 4.8 किलोमीटर में ही 11 केवी के अंडरग्राउंड एरियर बंच केबल लगाया गया है। इसका अर्थ है कि कुल 184 किलोमीटर में से मात्र 64.5 केबल ही बिछाया गया है।

Posted By: Inextlive