- कोड वर्ड में रखे गये हैं आईपीएल की टीम के नाम

- सिटी के यंगस्टर्स लाउंजेस में बैठकर कर रहे सट्टेबाजी

- लगभग चार घंटों मे लगता है शहर में करोड़ों का सट्टा

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LUCKNOW: 'मुन्नी' की चाल तेज है या फिर 'चिकनी चमेली' की। भाव किसका ज्यादा है। 'रज्जो' का या फिर 'बसंती' का। आखिर किसकी झोली में गिरेगी रज्जो। मुन्नी के तो तेवर ही नहीं समझ आ रहे हैं। यहां मुन्नी और रज्जो कोई लड़की नहीं, बल्कि आईपीएल की टीम हैं। इनका यह नया नामकरण किया है शहर के सट्टेबाजों ने। ज्यादातर आदमी इस समय सट्टेबाजी कर रहा है और न फंसने की डर से इन टीमों के नाम भी रख दिए हैं। गौरतलब हो कि सिटी में लगभग चार घंटों में करोड़ों का सट्टा लग जाता है।

लाउंज में फैला है जाल

मंगलवार को व्योम के पास एक फोन आता है और फोन की दूसरी तरफ से उसका दोस्त ये बोलता है कि क्या तुम्हें घर बैठे पैसे कमाने में दिलचस्पी है। अगर है, तो शाम को सात बजे लाउंज में मिलना। वो ठीक सात बजे वहीं पहुंच जाता है और वहां का नजारा देख कर दंग रह जाता है। शहर के तमाम बड़े घरों के लड़के और लड़कियां लाउंज में बैठे आईपीएल का मजा लूट रहे होते हैं। चौंकिये मत ये आईपीएल का यह क्रेज मैच को लेकर नहीं है, बल्कि सट्टे को लेकर है।

चलो महफिल सजाते हैं

शाम का समय। पूरी टीम तैयार। मैच की शुरुआत। सभी की धड़कनें तेज क्योंकि यहीं से शुरू हो जाती है सट्टेबाजी। शाम होते ही सभी फ्रेंड्स अपने तय किये हुए प्लेस पर पहुंच जाते हैं और फिर शुरू होता है सट्टे का खेल, वो भी नशे के साथ। यंगस्टर्स के अन्दर बढ़ रहे इस वायरस से पैरेंट्स के साथ-साथ पुलिस भी अंजान है। सट्टे के नशे की लत तो तब बढ़ जाती है, जब जेब में पैसे ना होने पर वो बेटिंग करने के लिए अपने ही फ्रेंड्स से पैसे उधार लेते हैं और समय पर वापस ना लौटा पाने पर दुश्मनी का शिकार होते हैं।

गली मोहल्लों में भी चल रहा बाजार

शहर की आज सभी जगह चाहे वो घर हो या लाउंज हो, रेस्टोरेंट हो, दुकान हो या फिर इंटरनेट पर हो, वो आईपीएल से कनेक्ट रहते हैं। सेलफोन के जरिये आज यंगस्टर्स आपस में सट्टा खेलते हैं। बस सामने वाला बोली लगाता रहे तो मजा बरकरार रहता है। आज सेलफोन के जरिये सट्टा लगाना बहुत आसान हो गया है।

दलालों की जेब हो रही गरम

शहर के तमाम दलाल जो सट्टे के शिकंजे में यंगस्टर्स को फंसा रहे हैं वो पहले तो उन्हें लालच देते हैं ज्यादा पैसा कमाने का और उन्हें बेटिंग करने का पूरा पैकेज समझाते हैं। पैसे ना होने पर उनसे उधार पर सट्टा लगवाते हैं। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में वो इतनी बेटिंग कर जाते हैं कि उनकी पॉकेटमनी भी कम पड़ जाती है। फिर वही लालच देने वाले दलाल उनसे जबरन वसूली करते हैं।

यह हैं सट्टेबाजों की टीमें

मुम्बई इंडियंस- मुन्नी, चेन्नई सुपरकिंग्स- चिकनी चमेली, राजस्थान रॉयल्स- दबंग की रज्जो, रॉयल चैलेंज बैंगलूरू- बसन्ती

ऐसे लगते हैं भाव

आईपीएल के सीजन में सट्टेबाज सिर्फ मैच पर ही नहीं, मैच की हर एक चीज पर सट्टा लगाते हैं जो मैच से जुड़ी है। एक सट्टेबाज ने बताया एक चौके पर ख्0 से तीस रुपये का भाव लगता है तो छक्के पर भ्0 रुपये का। बॉलर के विकेट लेने पर दो हजार तक का सट्टा लगता है। केकेआर के मैच पर क्000 का क्800 भाव लगा। ऐसे ही लगातार जीत रही चेन्नई सुपरकिंग्स पर ख्000 का ब्000 और भ्000 का दस हजार का भाव लग रहा है।

चुनाव पर सट्टा कमजोर

आईपीएल मैच के चलते चुनाव पर सट्टा इस बार कमजोर है। ज्यादातर सटोरिए मैच पर ही सट्टा लगा रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव तो एक ही दिन का है, लेकिन इसमें तो रोज बाजी लगाई जाती है।

Posted By: Inextlive