हाल ही में यूपी एसटीएफ द्वारा पकड़े गए आईपीएल बेटिंग एक्सचेंज के तार दुबई से जुड़ रहे हैं.

- पकड़े गये बेटिंग एक्सचेंज की जांच के दौरान गहराया शक

- सरगना जितेंद्र उर्फ जीतू ने बांट रखी थी फ्रेंचाइजी

lucknow@inext.co.in
LUCKNOW:  हाल ही में यूपी एसटीएफ द्वारा पकड़े गए आईपीएल बेटिंग एक्सचेंज के तार दुबई से जुड़ रहे हैं. शुरुआती जांच में इसके सुराग मिलने के बाद एसटीएफ टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. बताया गया कि टीम जांच कर रही है कि सट्टे के इस गोरखधंधे का लिंक कहीं माफिया डॉन दाउद इब्राहीम के नेटवर्क से तो नहीं है. जांच में यह भी पता चला है कि सट्टे के काले कारोबार का सरगना जितेंद्र उर्फ जीतू ने बेटिंग एक्सचेंज की फ्रेंचाइजी बांट रखी थीं. जहां से करोड़ों का कारोबार किया जा रहा था.

बरामद मोबाइल व लैपटॉप से मिला सुराग
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि कानपुर और वाराणसी से गिरफ्तार सटोरिये दुबई में बैठे बुकी के संपर्क में थे. विदेश में सट्टे का भाव दुबई हेड आफिस से तय किया जाता था. जबकि, देश में इसका रेट सट्टेबाजी के लिये बदनाम राजस्थान के फलोदी शहर से तय होता था. फलोदी में खुलने वाला भाव गिरोह का सरगना जितेंद्र शिवहरे उर्फ जीतू अपने एजेंट और फ्रेंचाइजी लेने वालों को बताता था. फ्रेंचाइजी में बैठे एजेंट इसी भाव पर कमीशन पर सट्टा लगवाते थे. एसटीएफ टीम को इसका सुराग बरामद हुए मोबाइल, लैपटाप और डायरी से हुआ. जांच में सामने आए सरगना जितेंद्र शिवहरे के साथी वाराणसी निवासी अजय सिंह की तलाश में एसटीएफ उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है.

विदेश की तर्ज पर चल रहा था गोरखधंधा
जितेंद्र शिवहरे ने 1997 से 2006 तक दुबई में रहकर सट्टेबाजी के गुर सीखे और देश में उसी तर्ज पर बड़ा रैकेट खड़ा कर दिया. जहां उसने देश के तीन बुकी समेत नौ सट्टा किंग को साथ मिला लिया जो ऑनलाइन सट्टे का काम कर रहे थे. इनके सहारे विदेश से सट्टे की लाइन और एप लेकर सट्टेबाजी हो रही थी, जिसका जिक्र इनके पास से मिले रजिस्टर में है. जितेंद्र पिछले 13 साल से देश में सट्टा कारोबार संचालित कर रहा है.

फलोदी विश्व में सट्टेबाजी के लिए कुख्यात
जोधपुर से सटे छोटे से शहर फलोदी विश्व में सट्टेबाजी के लिए कुख्यात है. यहां सेंसेक्स से लेकर बाजार भाव (जीरा, धनिया, मिर्च, गेंहू आदि), क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, किसकी सरकार आएगी और कौन जीतेगा से लेकर सूखा-बाढ़, हर बात का रेट तय होता है. इसके बाद ही बुकी अपने रेट खोलते हैं. इसके लिए एजेंट देश में ही नहीं, विदेश तक फैले हुए हैं.

डी-लिंक तलाश रही है एसटीएफ
सूत्रों की मानें तो दुबई से इस गोरखधंधे के तार जुड़ने पर एसटीएफ इसमें डी लिंक यानी दाउद लिंक तलाशने में जुट गई है. गौरतलब है कि सट्टे के कारोबार में दाउद का अहम स्थान है. कराची से चलने वाला उसका नेटवर्क दुबई होते हुए तमाम देशों तक फैला है. वहीं, कानपुर व वाराणसी में पकड़े गए आरोपियों के सट्टे की रकम को हवाला के जरिए इधर से उधर होने के खुलासे ने भी एसटीएफ को चौकन्ना कर दिया है.

Posted By: Kushal Mishra