- नेपाल में भूकंप के बाद से एवरेस्ट पर फंसी हैं यूपी कैडर की आईपीएस अपर्णा कुमार

- यूपी गवर्नमेंट ने की सेंट्रल गवर्नमेंट से की मदद की अपील

-चाइना साइड के बेस कैंप में हैं आईपीएस अपर्णा

yasir.raza@inext.co.in

LUCKNOW: नेपाल में आई प्राकृतिक आपदा में देश विदेश के हजारों लोग अभी भी फंसे हैं. इनमें अकेले यूपी के ही अब तक भ्000 लोगों को वहां से निकाला जा चुका है. हालांकि कई ऐसे लोग हैं जिनकी जिंदगी अभी सांसत में फंसी है. यूपी कैडर की आईपीएस अपर्णा कुमार भी ऐसे लोगों में हैं. असल में एवरेस्ट मिशन पर निकली अपर्णा फिलहाल नॉर्थ साइड बेस कैंप में पिछले चार दिन से फंसी हैं. मंगलवार को चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने कैंबिनेट सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्र से मदद की अपील की है. बता दें कि आईपीएस अपर्णा कुमार सोनभद्र में डीएम संजय कुमार की वाइफ हैं.

म्ब्00 मीटर की ऊंचाई पर कैंप

ख्भ् अप्रैल को जिस समय भूकंप आया, उस समय ख्00 लोगों का ग्रुप म्ब्00 मीटर की ऊंचाई पर बने एडवांस बेस कैंप पर था. वहां लगातार शॉक आ रहे थे. रुकना मुश्किल हो रहा था. नीचे उतरने के सारे रास्ते ब्लॉक हो चुके थे. किसी तरह यह ग्रुप क्क्00 मीटर नीचे तक आ पाया. यहां नार्थ साइड कैंप में इस ग्रुप को रोक दिया गया है.

माइनस ख्0 है टेम्प्रेचर

जिस जगह पर यह ग्रुप रुका है, वहां का टेम्प्रेचर माइनस में है. भूकंप से किसी के साथ कोई इंजरी तो नहीं हुई, लेकिन कम टेम्प्रेचर और जरूरी सामान की किल्लत की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर दो दिन में रेस्क्यू नहीं पहुंचा तो दिक्कत और बढ़ सकती है.

केंद्र में कैबिनेट सेक्रेटरी से रेस्क्यू की गुहार

दिक्कत इसलिए हो रही है कि नेपाल की ओर के सारे रास्ते ध्वस्त हैं. तिब्बत होकरइस ग्रुप को रेस्क्यू किया जा सकता है, लेकिन रेस्क्यू की कोई टीम फिलहाल कैंप के आस-पास भी नहीं पहुंच पायी है. बुधवार को चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने सोनभद्र के डीएम संजय कुमार से बात की और अपर्णा के बारे में डिटेल ली. इसके बाद उन्होंने सेंट्रल गवर्नमेंट के कैबिनेट सेक्रेटरी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के थ्रू रेस्क्यू की गुहार लगायी.

हेलीकॉप्टर से हो सकता है रेस्क्यू

नार्थ साइड बेस कैंप का रेस्क्यू हेलीकाप्टर के ही थ्रू हो सकता है. दूसरा रास्ता तिब्बत होकर है. हालांकि तिब्बत से काठमांडू के भी सारे रास्ते बंद पड़े हैं. ऐसे में तिब्बत तक आने के बाद भी हेलीकॉप्टर या फिर दूसरी एयर सर्विस का सहारा लेना पड़ेगा.

इंडो-चाइना विवाद भी वजह

सोर्सेज की मानें तो जिस कैंप में यह ग्रुप फंसा है, वह एरिया चाइना में आता है. चाइना पहले ही इंडियन आर्मी पर आरोप लगा चुका है कि नेपाल की मदद के बहाने इंडिया उसके एरिया में ताक-झांक कर रहा है. ऐसे में इंडियन आर्मी और एनडीआरएफ की टीम फिलहाल कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहती.

यहां नहीं पहुंची कोई रेस्क्यू टीम

अपर्णा अपने एवरेस्ट मिशन पर निकली थीं. जिस कैंप में हैं, वह जमीन से भ्फ्00 मीटर की ऊंचाई पर चाइना की ओर नॉर्थ साइड बेस कैंप है. जिस ग्रुप के साथ लगभग ख्00 लोग हैं, जिसमें 9 इंडियन हैं. नेपाल में तबाही का मंजर पैदा करने वाले इस भूकंप को आए हुए चार दिन हो गये हैं, लेकिन यहां कोई रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पायी है.

नहीं काम कर रहा है कोई फोन

जिस जगह पर यह कैंप है, वहां सिर्फ सेटेलाइट फोन काम कर रहा है. कभी-कभी इंडिया के एक नम्बर पर भी कॉल लग जा रही है, लेकिन यह कॉल रेट लगभग पौने पांच सौ रुपये पर मिनट का है. इस नम्बर पर भी नेटवर्क कभी-कभी ही आ रहा है. ऐसे में लोगों से कांटेक्ट करना मुश्किल हो रहा है.

आईपीएस अपर्णा कुमार एवरेस्ट मिशन पर गयीं हुई हैं. चाइना की ओर बने नार्थ साइड कैंप में उनका ग्रुप है जिसमें 9 इंडियन समेत लगभग दो सौ लोग हैं. नेपाल की ओर के सारे रास्ते बंद डैमेज हैं. ग्रुप के रेस्क्यू के लिए केंद्र सरकार में कैबिनेट सेक्रेटरी से बात हुई है.

आलोक रंजन

चीफ सेक्रेटरी, यूपी.

Posted By: Kushal Mishra