डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी का सीरिया पर कोई असर नहीं पड़ने है। वह आतंकियों के सफाया के लिए इदलिब पर जरूर हमला करेगा।

दमास्कस (एपी)। ईरान के विदेश मंत्री ने सोमवार को दमास्कस की यात्रा के दौरान कहा कि सीरिया के इदलिब से आतंकवादियों का सफाया करना जरूरी है ताकि उसे सरकार के नियंत्रण में लाया जा सके। मोहम्मद जावेद जारिफ ने अपने भाषण में कहा, 'सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की जानी चाहिए और सभी लोगों को एक ही समाज के रूप में एकजुट करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए और शरणार्थियों को अब अपने घर वापस लौटना होगा। जारिफ ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद और उनके विदेश मंत्री वालिद अल-मोलेम से भी मुलाकात की, जो हाल ही में मॉस्को की यात्रा से वापस लौटे हैं।
रूस और ईरान करेगा बड़ी गलती
ईरान, तुर्की और रूस के नेता जल्द ही ईरान में एकदूसरे से मिलकर इदलिब के हालिया स्थिति पर चर्चा करने वाले हैं। बता दें कि सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इदलिब प्रांत पर हमले के विचार पर राष्ट्रपति असद और उनके सहयोगियों (ईरान, रूस और तुर्की) को एक ट्वीट के जरिये चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, 'रूस और ईरान इस हमले को अंजाम देकर बहुत बड़ी गलती करेगा। सैकड़ों हजारों लोग मारे जा सकते हैं। ऐसा मत होने दो!' गौरतलब है कि असद और जरीफ ने मुलाकात के दौरान ईरान में होने वाले शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर भी चर्चा की। असद के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि ईरान और सीरिया के विभिन्न मुद्दों पर समान विचार थे। फिलहाल, इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। जरिफ ने कहा कि 7 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले सीरियाई मित्रों के साथ बातचीत बहुत जरूरी थी।
राष्ट्रपति के नीतियों के खिलाफ जंग
गौरतलब है कि सीरिया के उत्तरी पूर्वी शहर इदलिब पर विद्रोहियों का कब्जा है और यहां राष्ट्रपति बशर अल असद की नीतियों के खिलाफ आवाज उठती हैं। विद्रोहियों ने राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली सेना के खिलाफ लंबे समय से गृहयुद्ध छेड़ रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इदलिब की आबादी करीब 1 लाख है। इदलिब सीरिया के महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। इसलिए इस पर विद्रोहियों का कब्जा वहां की सरकार के लिए बड़ा झटका है। यही कारण है कि सीरिया सरकार ईरान, तुर्की और रूस के साथ मिलकर इदलिब को विद्रोही मुक्त बनाना चाहती है।

अमेरिका में ट्रंप की चेतावनी, महाभियोग चला तो तबाह हो जाएगा अमेरिकी बाजार

जिसके खिलाफ थे ट्रंप, उसी नीति के तहत उनके सास ससुर को मिली अमेरिकी नागरिकता

Posted By: Mukul Kumar