ईरानी कवियों को विपरीत लिंग के साथ हाथ मिलाने पर 99 कोड़ों की सजा
जारी है सिलसिला अभिव्यक्ति पर प्रहार का ईरान में पत्रकारों, लेखकों और कलाकारों को सख्त सजाएं देने के मामले में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अब यहां एक कवियित्री को पुरूषों और पुरूष साहित्यकार को महिलाओं से हाथ मिलाने पर 99 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है। एक प्रशिक्षित प्रसूति विज्ञानी कवयित्री फातिमा एख्तेसारी और चिकित्सक कवि मेहंदी मुसावी को अपनी कविताओं में "पवित्रता का अपमान" करने का आरोपी मानते हुए जेल की सजा भी सुनाई गई है।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने जतायी नाराजगी
इस फैसले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कई संगठनों ने इसका विरोध भी प्रारंभ कर दिया । पीईएन अमरीकन सेंटर के फ्री एक्सप्रेशन प्रोग्राम की निदेशक कारिन डयूश कारलेकर ने एक बयान में कहा है कि एख्तेसारी और मुसावी की गिरफ्तारी और इनको सुनाई गई सजा इंसाफ का मजाक हैं। इसने पहले से ही संकटों से घिरे ईरानी रचनात्मक जगत में खलबली पैदा कर दी है। पीईएन का मानना है कि एख्तसारी और मुसावी अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक मुद्दे उठाते रहे हैं। दोनों को क्रमश: साढे 11 साल और 9 साल की सजा सुनाई गई है। कहा जा रहा है कि दोनों पर दबाव डालकर अपने ऊपर लगाए गए इलजामों को मानने के लिए मजबूर किया गया है।अवैघ र्यान संबंधों का मुजरिम बताया गया पीईएन के अनुसार एख्तसारी को कोड़े मारने की सजा तब सुनाई गई जब उन्होंने ये स्वीकार किया कि उन्होंने स्वीडन में एक कार्यक्रम के दौरान साथी पुरुष साहित्यकारों से हाथ मिलाया था। पीईएन ने बताया कि ईरान में नजदीकी रिश्तेदारों को छोड़कर विपरीत लिंग के व्यक्ति से हाथ मिलाने को अवैध यौन संबंध बनाने जैसा माना जाता है, इसी को आधार बना कर दोनों साहित्यकारों को दण्डित किया गया है। 30 पत्रकार पहले ही काट रहे हैं सजा एख्तसारी और मुसावी के मामले में ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है। इस फैसले को ईरान के सरकारी मीडिया में भी कवरेज नहीं मिली है। इसका एक कारण ये हो सकता है कि ऐसे ही माहौल के चलते ईरानियन जेलों में पहले ही करीब 30 पत्रकार सजा काट रहे हैं।
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