अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि ईरान 2015 में विश्व शक्तियों के साथ किए परमाणु कार्यक्रम से जुड़े समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इस पर ईरान का कहना है कि देश को बचाने के लिए वह परमाणु परिक्षण जारी रखेगा।

दुबई (रॉयटर्स)। अमेरिकी बयानों के बाद ईरान ने रविवार को यह साफ कर दिया वह देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए परमाणु परिक्षण जारी रखेगा और इससे किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन नहीं होता है। बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने शनिवार को ईरान पर गलत तरीके से परमाणु परिक्षण करने का आरोप लगाया था और कहा था कि ईरान 2015 में विश्व शक्तियों के साथ किए परमाणु कार्यक्रम से जुड़े समझौते का उल्लंघन कर रहा है।  इस बयान के बाद ईरानी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबूअलफजल शेकरची ने कहा, 'मिसाइल परीक्षण देश की सुरक्षा और बचाव के लिए किए जाते हैं। इसलिए हम मिसाइल परीक्षण करना जारी रखेंगे।
इजराइल और यूरोप तक मार करने में सक्षम मिसाइल
शेकरची ने कहा, 'हम मिसाइल को विकसित करने और उनका परिक्षण करने का काम जारी रखेंगे, यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। इसके लिए हमे किसी देश की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।' हालांकि, उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की कि ईरान कोई परमाणु परिक्षण कर रहा है या नहीं। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक ट्वीट में कहा कि ईरान ने कुछ दिन पहले बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। यह मिसाइल इजराइल और यूरोप तक मार करने में सक्षम है। इस उत्तेजक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
गौरतलब है कि मई में परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ईरान पर नई शर्तो के साथ परमाणु समझौता करने का दवाब डाल रहा था, इसके लिए ट्रंप ने ईरानी नेताओं के साथ सीधी बातचीत के लिए पेशकश भी रखी थी लेकिन ईरान इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर 5 नवंबर को प्रतिबंध लगा दिया।

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Posted By: Mukul Kumar